Rajasthan Panchayat Election Results 2020: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस पंचायत समिति और जिला परिषद दोनों की चुनावों में खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। वहीं सत्ताधारी दल के कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गजों को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा। कांग्रेस की जीत की दावेदारी पेश करने वाले कई मंत्री भी पंचायत की परीक्षा में फेल हो गए।
भाजपा ने 1836 सीटे जीत कर यह मिथक तोड दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में बड़ा फायदा होता है। पंचायती राज चुनाव में बीजेपी को मिली बढ़त पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजस्थान की जनता के आशीर्वाद और कार्यकर्ताओं की मेहनत काे वजह बताई।
राजस्थान के झालावाड़ की जिला परिषद के तहत एक बूथ पर बृहस्पतिवार को फिर से मतदान होगा। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि झालावाड़ के जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्र संख्या दो के बूथ संख्या 62 (पंचायत समिति डग की ग्राम पंचायत कुमठिया में स्थित) का परिणाम जारी नहीं हो सका। उक्त निर्वाचन क्षेत्र के एक बूथ पर कल यानी 10 दिसंबर को सुबह 7.30 से 5 बजे तक पुनर्मतदान होगा। उन्होंने बताया कि पुनर्मतदान होने के कारण झालावाड़ जिले में प्रमुख पद के लिए 11 दिसंबर और उप प्रमुख पद के लिए 12 दिसंबर को मतदान होगा।
बता दें कि राजस्थान के 21 जिलों में 4371 पंचायत समिति सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था। जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के लिए चार चरणों में 23 नवंबर, 27 नवंबर, एक दिसंबर और पांच दिसंबर को मतदान हुआ था। इसी तरह प्रधान या प्रमुख का चुनाव 10 दिसंबर और उप प्रधान या उप प्रमुख के लिये 11 दिसंबर को चुनाव होंगे।

Highlights
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पंचायती चुनाव में भाजपा की जीत पर कहा कि ये परिणाम वास्तव में कांग्रेस सरकार के झूठ, फ़रेब, दम्भ व अहंकार की पराजय है तथा यह जीत मोदी सरकार पर जनता के विश्वास की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनाव के परिणाम इस भ्रष्ट सरकार की विदाई का एक निश्चित संकेत है
राजस्थान में पंचायत चुनाव का परिणाम जारी हो गया है। इस चुनाव में बीजेपी को भारी जीत मिली है। कांग्रेस सिर्फ पांच जिलों में सिमट कर रह गई है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी अपना गढ़ इस चुनाव में नहीं बचा पाए। वहीं 6 मंत्रियों भी अपना प्रभार का जिला नहीं बचा पाए, जिसके कारण माना जा रहा है कि जल्द ही कैबिनेट विस्तार में इन मंत्रियों का पर कतरा जा सकता है।
पाली पंचायती राज चुनाव के परिणाम में भाजपा ने एक बार फिर जिले में परचम लहराते हुए जिला परिषद की 33 वार्डों में से 30 पर भाजपा ने कब्जा किया। वहीं तीन वार्ड पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय रहे। जिले की पंचायत समितियों की बात करें तो 10 पंचायत समितियों में से 9 पर भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। वहीं एक पंचायत समिति रोहट में कांग्रेस आगे रही। जिले में पंचायत समिति 192 सदस्य में से भाजपा ने 125 वार्ड में कब्जा जमाया वहीं कांग्रेस महज 53 सीटों पर सिमट कर रह गई। निर्दलीय प्रत्याशियों ने 12 वार्ड में जीत हासिल की है। जिले में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आरएलपी पार्टी ने भी अपना खाता खोला। आरएलपी के भी 2 सदस्य विजय रहे हैं। गौरतलब है कि पाली जिले में पिछली बार भाजपा ने जहां जिला परिषद के साथ दसों पंचायत समितियों में अपना प्रधान बनाने में कामयाब रही ,वहीं इस बार रोहट पंचायत समिति में कांग्रेस को बहुमत मिला।
राजस्थान में 21 जिलों में हुए पंचायत चुनावों के लिए मतगणना पूरी हो गई है। चुनाव आयोग ने फाइनल आंकड़ा भी जारी कर दिया है। नतीजों से साफ है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर पालिका और अन्य स्थानीय निकाय चुनावों के बाद यहां भी भाजपा ने दमखम दिखाया है। राजस्थान विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही भाजपा 21 में से 14 जिलों में बोर्ड बनाने जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा जारी फाइनल रिजल्ट के मुताबिक, 636 जिला परिषद के सदस्यों में 353 पर भाजपा और 252 पर कांग्रेस सदस्य विजयी हुए हैं। वहीं पंचायत समिति की 4371 सीटों में से कांग्रेस ने 1799, तो भाजपा ने 1932 सीटें जीती हैं।
राजस्थान में पंचायतराज और जिला परिषद के चुनावों के परिणाम उम्मीद से बिल्कुल परे रहे। जहां पहले दिनभर कांग्रेस बढ़त बनाती दिखी। वहीं वहीं शाम होते- होते चुनाव के परिणाम ने स्थिति साफ कर दी कि गांव की सरताज प्रदेश में भाजपा ही है। आपको बता दें कि 21 जिलों के देर रात तक 4051 पंचायत समिति सदस्यों के घोषित परिणाम में कांग्रेस ने 1718 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं भाजपा ने 1836 सीटे जीत कर यह मिथक तोड दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में बड़ा फायदा होता है। प्रदेश कांग्रेस पंचायत समिति और जिला परिषद दोनों की चुनावों में खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। वहीं सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गजों को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा। कांग्रेस की जीत की दावेदारी पेश करने वाले कई मंत्री भी पंचायत की परीक्षा में फेल हो गए। चार चरणों में हुए चुनाव के ऐसे परिणाम कांग्रेस के लिए बेहद चौंकाने वाले हैं। वहीं बीजेपी का इस परिणाम में मनोबल काफी बढ़ा दिया है।
आपको बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर पीसीसी पूर्व चीफ और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पंचायत चुनाव में तगड़ा झटका लगा है। अपने क्षेत्रों में खास पकड़ रखने वाले इन मंत्रियों और दिग्गजों को जनता ने विपरित परिणाम देकर चौंका दिया है। आपको बता दें कि डोटासरा ने निर्वाचन क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में कांग्रेस 25 में से केवल 11 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई। यहां बीजेपी ने 13 और एक निर्दलीय ने जीत का परचम लहराया। इसी तरह निम्बाहेड़ा में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी सिर्फ 17 में से तीन सीट ही कांग्रेस को जीता पाए। यहां बीजेपी ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया। खेल मंत्री अशोक चांदना डिहौली क्षेत्र में 23 में से 13 पंचायत समितियों में बीजेपी और 10 पर कांग्रेस दिखी। अजमेर में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बड़ा झटका लगा। यहां 11 पंचायत समितियों में 9 पर भाजपा की बढ़त मिली है। वहीं कांग्रेस दो पर ही है।
राजस्थान पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव में भाजपा ने 1833 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है। वहीं, कांग्रेस को 1713 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत मिली है। राजस्थान के 21 जिलों के 636 जिला परिषद सदस्यों और 4371 पंचायत समिति सदस्यों के लिए हुए चुनाव में कुल 12663 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इनमें 636 जिला परिषद सदस्यों के लिए 1778 और पंचायत समिति सदस्यों के लिए 4371 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे।
अजमेर जिले में पूर्व मंत्री नसीम अख्तर और उनकी दोनों बहू चुनाव जीत गई । नसीम अख्तर पिछली अशोक गहलोत सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री रही थी । भाजपा विधायक गोपरचंद मीणा की पत्नी हार गई,कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की सास चुनाव हार गई । कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा की पत्नी,पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा के पुत्र,पूर्व विधायक तगाराम चौधरी के पुत्र,रामनारायण मीणा की पत्नी चुनाव हार गए । वहीं सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई,कांग्रेस विधायक गोविंद राम मेघवाल के भाई चुनाव जीत गए ।
राजस्थान पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में जहां भाजपा कांग्रेस के मुकाबले आगे रही,वहीं जिला परिषद सदस्यों में दोनों दलों के बीच लगभग बराबर की स्थिति रही । अब पंचायत समिति प्रधान व जिला प्रमुख चुनाव में चुनाव जीतने वाले निर्दलियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी । चुनाव परिणाम प्रदेश कांग्रेस सत्ता व संगठन के लिए बेचैनी पैदा करने वाला रहा ।
राजस्थान के झालावाड़ की जिला परिषद के तहत एक बूथ पर बृहस्पतिवार को फिर से मतदान होगा। झालावाड़ के जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र के संख्या दो के बूथ संख्या 62 (पंचायत समिति डग की ग्राम पंचायत कुमठिया में स्थित) का परिणाम जारी नहीं हो सका। उक्त निर्वाचन क्षेत्र के एक बूथ पर कल यानी 10 दिसंबर को सुबह 7.30 से 5 बजे तक पुनर्मतदान होगा। पुनर्मतदान होने के कारण झालावाड़ जिले में प्रमुख पद के लिए 11 दिसंबर और उप प्रमुख पद के लिए 12 दिसंबर को मतदान होगा।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस पंचायत समिति और जिला परिषद दोनों की चुनावों में खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। वहीं सत्ताधारी दल के कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गजों को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा। कांग्रेस की जीत की दावेदारी पेश करने वाले कई मंत्री भी पंचायत की परीक्षा में फेल हो गए।
भाजपा ने 1836 सीटे जीत कर यह मिथक तोड दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में बड़ा फायदा होता है। पंचायती राज चुनाव में बीजेपी को मिली बढ़त पर सतीश पूनिया ने राजस्थान की जनता के आशीर्वाद और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम बताया।
राजस्थान में पंचायत चुनाव का परिणाम जारी हो चुका है। 21 जिलों में मतदान हुए थे। 21 जिलों के 4051 पंचायत समिति सदस्यों के घोषित परिणाम में कांग्रेस ने 1718 सीटों पर जीत हासिल की।
पंचायत समिति के चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, माकपा, और बसपा ने क्रमश: 60, 26, और पांच सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 439 सीटों पर निर्दलीय जीते हैं।
राजस्थान पंचायत चुनाव में बीजेपी की जीत पर स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया है। स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर लिखा, 'राजस्थान में संपन्न पंचायत व जिला परिषद चुनाव में बीजेपी राजस्थान को अपना आशीर्वाद देने के लिए प्रदेश की जनता को धन्यवाद...यह जीत गाँव, गरीब, किसान एवं नारीशक्ति का प्रधानमंत्री नरेंद्र जी की नीतियों पर विश्वास दर्शाती है।'
सीकर जिले के फतेहपुर सदर थाना क्षेत्र में मंगलवार को पंचायत चुनाव में जीत के बाद निकल रहे जुलूस के दौरान दो पक्षों में हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई जबकि दस अन्य लोग घायल हो गये। टोंक पंचायत समिति में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और तीन निर्दलीय उम्मीवारों ने जीत दर्ज की है जो यहां बोर्ड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कांग्रेस नेता और टोंक के विधायक सचिन पायलट को बोर्ड बनाने के लिए समर्थन दिया है।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई मनोहर आंजना निंबाहेड़ा पंचायत समिति के वार्ड-15 से 133 वोटों से विजयी रहे। प्रतापगढ़ से कांग्रेस विधायक रामलाल मीना की पत्नी इंद्रा मीना जिला परिषद वार्ड 3 से जीतीं। कांग्रेस विधायक गोविंद राम मेघवाल के बेटे, बेटी और पत्नी ने चुनाव में जीत हासिल की।
जैसलमेर में राज्य के कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद के भाई अमरदीन फकीर को हार का मुंह देखना पड़ा है। वह बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में खड़े थे. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी जानब खान ने मात दी।
चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल को हार का सामना करना पड़ा है। यहां पंचायत समिति फागलिया में बीजेपी के बोर्ड बनने की प्रबल संभावना है। चौहटन विधायक पदमाराम का गांव है फागलिया। यहां से विधायक की पत्नी भी प्रधान बनने की मंशा से चुनाव लड़ रही थीं। चौहटन विधायक पदमाराम के क्षेत्र में अड़ियल रवैये से आमजन परेशान था।
चुनाव की रैली के दौरान ही बीटीपी विधायकों पर पैसे लेने का आरोप लगाने वाले कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत मालवीय के बेटे विजयी रहे। मालवीय ने कहा था कि बीटीपी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव व सरकार पर संकट के समय 10-10 लाख रु. लिए थे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने कहा कि भाजपा का राजस्थान में पंचायत, जिला परिषद चुनाव में जीत दर्ज करना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गरीबों, किसानों, मजदूरों का भरोसा दर्शाता है।
पंचायत चुनाव में केंद्रीय मंत्री मेघवाल के बेटे और कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की सास और देवरानी दोनों को हार का सामना करना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बेटे बीकानेर जिला परिषद चुनाव हारे हैं। सादुलपुर से कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की सास व देवरानी पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में हारीं। भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा की मां उगमा देवी भीलवाड़ा के जहाजपुर पंचायत समिति का चुनाव हारीं।
पाटौदी पंचायत समिति की मतगणना पूरी हो चुकी है। यहां वार्ड 1 से कांग्रेस के भोमाराम, वार्ड 2 से कांग्रेस के पारस, वार्ड 3 से बीजेपी की माडु कंवर, वार्ड 4 से कांग्रेस के अंके खान, वार्ड 5 से भाजपा के पुरखाराम, वार्ड 6 से भाजपा की केन्कु देवी, वार्ड 7 से भाजपा के शंकरराम, वार्ड 8 से कांग्रेस के भरत कुमार, वार्ड 9 से भाजपा की चांद कवर, वार्ड 10 से कांग्रेस के साबू खा जीते। पाटौदी में भाजपा के 5 ,कांग्रेस के 5 प्रत्याशी जीते
संगठन की गैर माौजूददगी कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह हो सकती है। न तो प्रदेश और न ही जिला स्तर पर कांग्रेस का संगठन नजर आया। विधायकों के भरोसे रहना भी कांग्रेस के लिए मुसीबत साबित हुआ। इन चुनाव में विधायकों को सिंबल दे दिए गए थे जबकि पिछले दिनों जयपुर, कोटा और जोधपुर नगर निगम चुनावों में भी इसका खामियाजा उठाना पड़ा था। तीसरा बड़ी वजह यह रही कि विधायकों ने ज्यादातर टिकट रिश्तेदारों को बांटे। जिससे नाराजगी बढ़ी और टिकट बेचने के भी आरोप भी लगे।
14 जिलाें में भाजपा बना सकती है बाेर्ड। इनमें अजमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चिताैड़गढ़, चूरू, जालाैर, झालावाड़, झुंझुनूं, पाली, राजसमंद, सीकर, टाेंक और उदयपुर शामिल हैं।
बाली- कुल 23
कांग्रेस-08
भाजपा-15
सोजत -कुल 21
भाजपा -14
कांग्रेस-05
निर्दलीय -02
बता दें कि साल 2015 में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान जिला परिषद की 21 सीटें भाजपा व 12 कांग्रेस ने जीती थीं। 2008 में गहलोत सरकार में कांग्रेस ने 24, भाजपा ने 8 व एक निर्दलीय ने जीती थी। उधर, दोनों दलों ने रात से ही बाड़ाबंदी भी शुरू कर दी।
राजस्थान के 21 जिलों में पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य चुनावों के नतीजों ने पिछले दस सालों से चल रहे ट्रेंड और मिथक को तोड़ दिया। मंगलवार रात 2:30 बजे तक पंचायत समिति की कुल 4371 में 4051 सीटों के नतीजे घोषित हुए। इनमें से 1836 में भाजपा, 1718 में कांग्रेस और 422 में निर्दलीय ने जीत दर्ज की। आरएलपी 56, सीपीआईएम 16 व बसपा ने 3 सीटें जीतीं।
जिला परिषद के अभी तक 532 सीटो के आए परिणाम।
287 सीटों पर भाजपा का कब्जा।
223 सीटो पर कांग्रेस का कब्जा।
22 सीटो पर निर्दलीयों और अन्य ने जमाया कब्जा।
अभी तक 4049 पंचायत समिति सदस्यों के परिणाम घोषित।
1835 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस 1718 सीटों पर जीत दर्ज।
496 सीटों पर निर्दलीयों और अन्य ने मारी बाजी।
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच सियासी बयानबाजियां तेज हो गई हैं! राजस्थान में नेता विपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है! मुख्यमंत्री गहलोत को लेकर आक्रमक तेवर दिखाते हुए कटारिया ने कहा है कि प्रदेश में जिस दिन कैबिनेट विस्तार होगा उस दिन गहलोत सरकार गिर जाएगी!
राजस्थान में 4371 सीटों पर हो रहे पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने अब तक 1695 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं बीजेपी ने 1812 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा 413 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। आरएलपी को 56 सीटें, सीपीएम को 16 सीटें, बीएसपी को 3 सीटें और एनसीपी को एक सीट पर जीत मिली है।
राजस्थान जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के लिए चार चरणों में 23 नवंबर, 27 नवंबर, एक दिसंबर और पांच दिसंबर को मतदान हुआ था। इसी तरह प्रधान या प्रमुख का चुनाव 10 दिसंबर और उप प्रधान या उप प्रमुख के लिये 11 दिसंबर को चुनाव होंगे।
राजस्थान जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के लिए चार चरणों में 23 नवंबर, 27 नवंबर, एक दिसंबर और पांच दिसंबर को मतदान हुआ था। इसी तरह प्रधान या प्रमुख का चुनाव 10 दिसंबर और उप प्रधान या उप प्रमुख के लिये 11 दिसंबर को चुनाव होंगे।
आज सुबह मतगणना 21 जिला मुख्यालयों पर शुरू हुई। कुल 636 जिला परिषद सदस्यों और 4371 पंचायत समिति सदस्यों के निर्वाचन के लिए मतदान चार चरणों में अजमेर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चुरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़ झुंझुनू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर में मतदान चार चरणों में हुआ था। इस मतगणना से जिला परिषद चुनाव के लिए 1778 उम्मीदवारों और पंचायत समिति चुनावों के लिए 12663 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। 23, 27, नवंबर और 1 व 5 दिसंबर को मतदान हुआ था।
राजस्थान में पंचायत समिति चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में बराबरी की टक्कर। 4,371 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा के 1360 उम्मीदवार जीत गए हैं जबकि कांग्रेस के 1247 उम्मीदवारों को जीत मिली है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार निर्दलीय 335 व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी 54 जगह विजयी रही है। मतगणना अभी चल रही है। उदयपुर समेत कई जिलों में निर्दलियों ने पेंच फंसाया हुआ है।
राजस्थान के पंचायत चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर जारी है। दोनों दलों के प्रत्याशियों में जीतने-हारने वाले उम्मीदवारों की संख्या करीब-करीब बराबर हो गई है।
राजस्थान के 21 जिलों में 4371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भाजपा के 1360 उम्मीदवार जीत गए हैं जबकि कांग्रेस के 1247 उम्मीदवारों को जीत मिली है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार निर्दलीय 335 व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी 54 जगह विजयी रही है। मतगणना अभी चल रही है। उदयपुर समेत कई जिलों में निर्दलियों ने पेंच फंसाया हुआ है।
राजस्थान पंचायत चुनाव के परिणामों में उदयपुर जिले में बीजेपी और कांग्रेस में बड़ा मुकाबला चल रहा है। कुछ पंचायत समितियों में निर्दलियों ने पेंच फंसा दिया है। दस समितियों में कांग्रेस और और 8 में बीजेपी की जीत हुई है।