राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा के एक बयान पर बवाल मच गया है। उन्होंने विधानसभा में खुद को और अन्य कांग्रेस नेताओं को गांधी-नेहरू परिवार का “गुलाम” बता दिया। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान का वीडियो भी वायरल हो रहा है। मामला हरिदेश जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान का है।

इस दौरान लोढ़ा ने कहा, “बीजेपी के नेता हम पर हम गांधी-नेहरू परिवार का गुलाम होने का आरोप लगाते हैं। हां हम नेहरू-गांधी परिवार के गुलाम हैं और हम आखिरी सांस तक उनके गुलाम रहेंगे क्योंकि इस देश को नेहरू-गांधी परिवार ने बनाया है।”

सदन के अन्य सदस्यों ने संयम लोढ़ा के इस बयान पर चुटकी ली। एक सदस्य ने कहा, “आपकी गुलामी पर बधाई।” जल्द ही सदन में हंगामा हो गया। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि इतनी गुलामी के बाद भी कांग्रेस ने आपको (लोढ़ा) टिकट नहीं दिया।

लोढ़ा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और बाद में कांग्रेस का समर्थन दे दिया था। हाल ही में उन्हें सीएम का सलाहकार नियुक्त किया गया था। राठौड़ ने लोढ़ा पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि गुलाम अपने मन की बात नहीं कह सकते। बाद में, विधानसभा ने हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया।

इससे पहले 15 मार्च को लोढ़ा को संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के भाषण को बाधित करने के लिए मार्शलों की मदद से राजस्थान विधानसभा से बाहर कर दिया गया था। निर्दलीय विधायक ने जब हत्या के आरोप में एक निर्दोष व्यक्ति के जेल में बंद होने का मुद्दा उठाया तो धारीवाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी और स्पीकर सीपी जोशी ने स्पष्ट किया कि इस तरह के हंगामे की अनुमति नहीं दी जा सकती है।