प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को राजस्थान में भाजपा के मंत्री ही पलीता लगा रहे हैं। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण श्रॉफ का एक फोटो सोशल साइटों पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें सड़क किनारे पेशाब करते हुए देखा जा सकता है। इस पर राज्य की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर मंगलवार (13 फरवरी) की है। तस्वीर जवाहर नगर के झालना बायपास पर ली गई थी। विपक्षी दल के हल्ला-बोल के बावजूद इस मसले पर मंत्री कालीचरण की ओर से अभी तक सफाई या स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के डिप्टी चीफ व्हिप गोविंद सिंह ने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच या पेशाब करने पर जयपुर नगर निगम के अधिकारी आमलोगों के साथ सख्ती से पेश आते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री कालीचरण श्रॉफ के खिलाफ क्या कदम उठाया जाता है। नगर निगम खुले में पेशाब करने पर जुर्माने का प्रावधान कर रखा है, ताकि गुलाबी शहर को गंदगी से मुक्त रखा जा सके।
the real contribution in #SwachhBharat ABHIYAN of rajasthan health minister @KalicharanSaraf @AshokLahotyBJP have a look @VasundharaBJP pic.twitter.com/Hqid1tWori
— manish bhattacharya (@NN_Manish) February 13, 2018
राजस्थान के मंत्री का यह फोटो ऐसे समय सामने आया है, जब बिहार में एक महिला ने शौचालय बनाने के लिए भीख मांग कर पैसे जुटाए। दरअसल, सुपौल जिले के पिपरा ब्लॉक निवासी अमीना खातून ने शौचालय के लिए ब्लॉक अधिकारियों से आर्थिक मदद मांगी थी, लेकिन आवेदन देने के बावजूद उन्हें मदद मुहैया नहीं कराई गई थी। इसके बाद उन्होंने आसपास के गांवों में भीख मांगकर पैसे जुटाए थे। राजमिस्त्री और मजदूरों ने उनसे पैसे भी नहीं लिए थे। स्वच्छता के प्रति उनकी सजगता और प्रतिबद्धता को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें सम्मानित भी किया था। इसके बावजूद राजस्थान में जिम्मेदार पदों पर आसीन व्यक्ति द्वारा खुले में पेशाब करने का मामला सामने आया है। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने देश को गंदगी से मुक्त कराने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाया था। इस मद में हजारों करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जाता है। वर्ष 2017 के स्वच्छ भारत रैंकिंग में इंदौर काे पहला स्थान प्राप्त हुआ था। शुरुआती दस शहरों में राजस्थान के एक भी शहर को स्थान नहीं मिला था। इसमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो शहरों को जगह मिली थी।