पिछले डेढ़ हफ्ते से राजस्थान में चल रहा गुर्जर आंदोलन अब खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच आरक्षण आंदोलन की मांग को लेकर सहमति बन गई है। इस आंदोलन के चलते रेल यातायात बाधित हो गया था और आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रेक को भी बहुत नुकसान पहुंचाया था। आंदोलन खत्म होने के बाद प्रदर्शनकारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे रेलवे ट्रेक की मरम्मत करते दिखाई दे रहे हैं।
कल रात समुदाय के नेता किरोड़ी सिंह बैंसला और सीएम के बीच हुई बैठक में सहमति बनने के बाद आंदोलनकारियों ने आंदोलन खत्म कर रेलवे ट्रेक की फिश प्लेट को भी दोबारा जोड़ दिया है। सीएम और 17 सदस्यीय गुर्जर प्रतिनिधिमंडल के बीच 6 बिंदु पर सहमति बनी है और इसको लेकर एक समझौता पत्र भी जारी किया गया है। इसके साथ ही प्रशासन ने इंटरनेट सेवायें भी बहाल करवा दी है। आंदोलनकारियों के पटरियों से हट जाने के कारण गत 11 दिनों से बाधित हो रहा दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक भी वापस शुरू हो गई है।
#WATCH Rajasthan: Gurjar agitators repair fishplates, that they’d damaged, on a railway track in Bharatpur where they were protesting with their demand for reservation.
Agitation called off today following a meeting between community leader Kirori Singh Bainsla & CM last night pic.twitter.com/aT3nfa6tBB
— ANI (@ANI) November 12, 2020
इसके अलावा करौली से महुआ, मंडावर, अलवर, जयपुर, भरतपुर और दिल्ली सहित अन्य मार्गों पर भी रोडवेज का संचालन शुरू कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के भरतपुर जिले के पीलूपुरा गांव में 12 दिन चले गुर्जर आंदोलन में रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ। गुर्जर समाज के लोगों ने दिल्ली- मुंबई रेल मार्ग पर कब्जा जमाकर उसे प्रभावित किया। इसके बाद रेलवे के भी अपने कई ट्रेनों के रूट में बदलाव करने पड़े, तो वहीं कई ट्रेनें कैंसिल भी की गई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुर्जर आरक्षण को लेकर सरकार का रुख हमेशा सकारात्मक रहा है। कर्नल बैंसला से जो बातचीत हुई थी उनमें अधिकांश मांगें मान ली गई हैं। उसके बावजूद अब पटरी पर बैठने का कोई औचित्य नहीं है।