भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। बता दें कि यह याचिका राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को राहुल गांधी द्वारा गलत तरीके से पेश किए जाने के विषय में है। याचिका में राहुल गांधी पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया गया है। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने मीनाक्षी लेखी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। गौरतलब बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट में मीनाक्षी लेखी का केस जो वकील लड़ रही हैं, वो राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की वकील हैं। वहीं राजस्थान सरकार की वकील द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी का केस लड़ने की बात का खुलासा होते ही अशोक गहलोत सरकार ने अपनी वकील को उनके स्टैंडिंग काउंसल के पद से हटा दिया है।

बता दें कि राजस्थान सरकार की वकील रुचि कोहली को वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में बतौर राजस्थान सरकार स्टैंडिंग काउंसल तैनात किया गया था। हालांकि बीते दिसंबर में वसुंधरा राजे सरकार सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार सत्ता पर काबिज हो गई। आम तौर पर ऐसा होता है कि सरकार के सत्ता से जाने के बाद अहम पदों पर बैठे लोगों को बदल दिया जाता है। लेकिन रुचि कोहली बतौर राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट में पदस्थ रहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, अब जब रुचि कोहली, राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी का केस लड़ रही हैं, तो कांग्रेस सरकार ने बिना कोई समय गंवाए, रुचि कोहली को उनके पद से हटा दिया। पद से हटाए जाने के बाद रुचि कोहली ने अभी तक इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड वाले वकील बहुत ही कम हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनने के लिए सर्वोच्च अदालत की एक बहुत ही कठिन माने जाने वाली परीक्षा पास करनी होती है। नियमों के अनुसार, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ही वादी की तरफ से कोई याचिका दाखिल कर सकते हैं। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड अपने प्रतिद्वंदी वकील के साथ सुनवाई में मौजूद रहता है। बता दें कि रुचि कोहली मशहूर वकील आरएल कोहली की पोती हैं और अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की वकील हैं।