राजस्थान में सियासी संकट के बीच रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी बहन विमला देवी से राखी बंधवाने के लिए जोधपुर जाएंगे। गहलोत अपने व्यस्ततम शेड्यूल में से वक्त निकालकर करीब हर साल बहन विमला देवी के घर पहुंचकर राखी बंधवाते हैं। सीएम गहलोत ने रक्षाबंधन की बधाई देते हुए ट्वीट भी किया है। उन्होंने कहा, ‘रक्षाबंधन के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। भारत की सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, भारतीय संस्कृति में बेटियों के महत्व को दर्शाता है। कलाई पर बंधा रक्षासूत्र हमें सदैव बेटियों एवं बहनों के सम्मान, सुरक्षा के लिए प्रेरित करता है।’
इसी तरह राजस्थान सियासी संकट के बीच कांग्रेस के बागी सचिन पायलट ने भी सोमवार (3 अगस्त, 2020) को ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने देशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी हैं। पायलट ने ट्वीट कर कहा कि ‘भाई-बहन के असीम प्रेम, स्नेह एवं अटूट रिश्ते के प्रतीक रक्षाबंधन के पावन पर्व की समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।’ उनके ट्वीट के महज तीन मिनट के भीतर इसे दो हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है।
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दूसरी तरफ संकट के दौर से गुजर रहे सीएम अशोक गहलोत का दावा है कि उनके पास बहुमत लायक विधायकों का समर्थन है लेकिन होटल में ठहरे विधायकों की संख्या देखी जाए तो यह आंकड़ा 99 ही हो रहा है। दरअसल राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में सरकार में बने रहने के लिए गहलोत को कम से कम 101 विधायकों का समर्थन जुटाना होगा। हालांकि जिस तरह से हर दिन हालात रोमांचक हो रहे हैं, उसे देखते हुए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि गहलोत बहुमत के आंकड़े में पिछड़ भी सकते हैं।
विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के रुख पर सस्पेंस बरकरार है। इस बीच पायलट कैम्प के समर्थित विधायक ने साफ किया है कि पायलट समर्थित सभी विधायक विधानसभा सत्र में शामिल होंगे। हालांकि सदन में सरकार के विश्वासमत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट होने की संभावना पर उन्होंने कहा कि इसका आखिरी फैसला सचिन पायलट ही तय करेंगे।
हाल ही में गहलोत गुट के विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि नए होटल में विधायकों को मोबाइल नेटवर्क की समस्या हो रही है। दरअसल होटल सूर्यगढ़, जहां विधायक ठहरे हैं, वो शहर से बाहर है, यही वजह है कि वहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या सामने आ रही है। गहलोत गुट के विधायक जैसलमेर के जिस सूर्यगढ़ होटल में ठहरे हैं, वह अपनी लग्जरी सुविधाओं के लिए जाना जाता है। इस होटल में 90 कमरे हैं और इसके सामान्य कमरे का एक दिन का किराया 15-20 हजार रुपए है। इस होटल के एक सुईट का एक दिन का किराया 35 हजार रुपए है। होटल में एक हैलीपेड की भी सुविधा है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर गुर्जरों सहित अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के अर्भ्यिथयों को राजस्थान न्यायिक सेवा में एक प्रतिशत के स्थान पर पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए राजस्थान न्यायिक सेवा नियम, 2010 में संशोधन को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है। अति पिछड़ा वर्ग के अर्भ्यिथयों के लिए इस संशोधन के जरिए राजस्थान न्यायिक सेवा में एक प्रतिशत के स्थान पर पांच प्रतिशत आरक्षण प्रस्तावित है। गौरतलब है कि अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी लम्बे समय से न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन की मांग कर रहे थे, ताकि उन्हें राज्य न्यायिक सेवा में एक प्रतिशत के स्थान पर पांच प्रतिशत आरक्षण मिल सके। इससे गुर्जर, रायका-रैबारी, गाडिया-लुहार, बंजारा, गडरिया आदि अति पिछड़ा वर्ग के अर्भ्यिथयों को राजस्थान न्यायिक सेवा में नियुक्ति के अधिक अवसर मिलना संभव होगा।
गहलोत ने गजेन्द्र सिंह शेखावत पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। लोकसभा में जोधपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले शेखावत ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र को मिली पराजय को वह पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए उस हार का बदला लेने के लिए वह मेरे खिलाफ सभी प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं।’’ शेखावत ने गत लोकसभा चुनाव में गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को 2.74 लाख से भी अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था। शेखावत ने कहा कि राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रमों से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है और यह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है जिसमें मुख्यमंत्री और उनके पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में यह ड्रामा इसलिए चल रहा है क्योंकि वह (गहलोत) सचिन (पायलट) और अन्य को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं। इस पूरे संकट के लिए वे भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं और इसके नेतृत्व की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
राजस्थान में राजनीतिक गतिरोध बरकरार है। सत्ता और विपक्ष एक दूसरे पर जनहित की अनदेखी कर सत्ता पर कब्जा करने की चाल चलने का आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर कहा है कि उनकी सरकार स्थिर और मजबूत है।
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की ‘‘चुप्पी’’ एक ‘‘रणनीति’’ हो सकती है। पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि खुद कांग्रेस नेता ने पार्टी के अंदर और बाहर अपने विरोधियों को निशाना बनाते हुए राज्य में राजनीतिक ‘‘ड्रामा’’ रचा है।
हाईकोर्ट में एक ओर याचिका दायर की गई है। विवेक सिंह जादौन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि पिछले तीन सप्ताह से पांच सितारा होटलों में ठहरे हुए करीब 121 विधायकों के वेतन-भत्ते रोकने का आदेश दें। कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि राजस्थान में एक विधायक को वेतन और भत्ते मिलाकर करीब ढाई लाख रुपए हर महीने मिलते हैं। साथ ही रेल, फ्लाइट और फर्नीचर के खर्चे को मिला दिया जाए तो तीन लाख रुपए के करीब ये राशि हो जाती है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा "मैंने टिड्डियों के संदर्भ में प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। किसानों को मुआवजा मिले और इसका सर्वे हो।"
प्रदेश में सीएम गहलोत के साथ मंत्रिमंडल भी विधानसत्र सभा को लेकर उत्साहित है। इस संबंध में मंत्री बी.डी कल्ला ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। सरकार को कोई खतरा नहीं है। कल्ला ने कहा भाजपा सरकार को अस्थिर करना चाह रही है, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सकेंगे।
जैसलमेर को मीडिया से रविवार को कई विधायक रूबरू हुए। इस दौरान कांग्रेस विधायक ब्रदीराम जाखड़ ने भी बड़ा बयान दिया। जाखड़ ने कहा कि हमें कोई खतरा नहीं है, खतरा उसे होगा, जिसके पास बहुमत ना हो। हमारे पास बहुमत है। जाखड़ ने कहा कि गहलोत सरकार के पास 103 विधायक वर्तमान में मौजूद है। साथ ही हम लोग तीन चार विधायकों के संपर्क में भी है। सभी अशोक गहलोत को सर्वसहमति से अपना नेता मानते हैं।
राजस्थान में जहां नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं इसके साथ ही बीजेपी की ओर से सियासी ड्रामे के बीच जैसलमेर में सद्बुद्धि धरना किया जा रहा है। इस धरने के लिए बीजेपी जैसलमेर में कांग्रेस विधायकों के पॉलिटिकल टूरिज्म का विरोध कर रही है।
सीएम का खेमा दावा कर रहा है कि उनके पास 109 विधायक है लेकिन सिर्फ 92 विधायक ही जयपुर से जैसलमेर पहुंचे हैं। इनमें चार मंत्री समेत 7 विधायक जयपुर में ही हैं और इन्हें लेकर कांग्रेस के पास 99 विधायक होते हैं जो उनके दावे से 10 कम हैं।
सरकार गिराने की साजिश के मामले की जांच कर रही एसओजी ने इंदौर के व्यवसायी पिता और पुत्र से पूछताछ की। कॉल डिटेल और रिकॉर्डिंग के आधार पर मामले में करीब छह लोगों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस ने अभी इंदौर के पिता-पुत्र को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस का कहना है दोनों से आगे और पूछताछ करेंगे। इस मामले में पूर्व केंद्रीय अधिकारी और इंदौर के व्यवसायी बलवंत सिंह गोंदीशंकर और उनके पुत्र दिव्यराजसिंह से जयपुर में शनिवार 11 बजे से शाम तक पूछताछ हुई।
राजस्थान में सियासी उठा-पटक के बीच रोमांच बना हुआ है और अभी तक भी हालात किसी भी तरफ जा सकते हैं। बता दें कि गहलोत सरकार अपने साथ 105 विधायकों का समर्थन होने की बात कह रही है लेकिन मौजूदा हालात में गहलोत खेमे में 101 विधायक ही हैं। इनके अलावा माकपा विधायक भी हैं। गहलोत को उम्मीद है कि माकपा विधायक उनका समर्थन करेंगे। लेकिन कांग्रेस के दो विधायक सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते और भंवर लाल मेघवाल अस्पताल में वेंटीलेटर पर होने के चलते वोट नहीं कर पाएंगे।
जैसलमेर के होटल में ठहरे दो विधायकों की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया है। विधायकों की जांच के लिए डॉक्टर और एंबुलेंस होटल पहुंची है। बताया जा रहा है कि जयपुर से जैसलमेर आने के कारण मौसम में हुए बदलाव से विधायकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जैसलमेर के होटल में ठहरे विधायकों की सुरक्षा के लिए जयपुर कमिश्नरी के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राहुल प्रकाश और डीसीपी नार्थ डॉ. राजीव पचार की अगुआई में 2 आईपीएस (IPS), नौ आरपीएस (RPS) और 17 इंस्पेक्टरों समेत 88 पुलिसकर्मियों की टीम जैसलमेर पहुंची है। इनमें से 24 पुलिसकर्मी सादी वर्दी में होटल के आसपास तैनात रहेंगे।
राजस्थान में गहलोत गुट अपने समर्थकों की किलेबंदी करने की भरसक कोशिशों में जुटा है। यही वजह है कि अब गहलोत समर्थक विधायक और मंत्री तीन गुट में बांटे गए हैं। जिनमें से विधायकों का सबसे बड़ा गुट जैसलमेर के सूर्यगढ़ होटल में ठहरा हुआ है। वहीं गहलोत सरकार के 7 मंत्री जयपुर में ही हैं। जैसलमेर के गोरबंद होटल में भी गहलोत सरकार के 8 मंत्री-विधायक ठहरे हुए हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा पर कड़ा निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि भाजपा के मुंह सरकार गिराने का खून लग चुका है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश के बाद वे राजस्थान में भी यह प्रयोग कर रहे हैं। दुर्भाग्य से भाजपा का हॉर्स ट्रेडिंग का खेल इस बार बड़ा है लेकिन राजस्थान ऐसा संदेश देगा कि आगे से वह किसी की सरकार गिराने की हिम्मत नहीं करेंगे। सीएम ने नाम लेते हुए कहा कि केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल समेत कई मंत्री सरकार गिराने के षडयंत्र में लगे हैं। गहलोत ने यहां तक कह दिया कि पूरा गृह मंत्रालय उनकी सरकार गिराने में जुटा है।
गहलोत सरकार विधायकों की सुरक्षा और उन्हें अपने पाले में एकजुट रखने के लिए कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो पुलिसकर्मी जयपुर के होटल में विधायकों के सबसे नजदीक तैनात थे, उन्हें ही जैसलमेर भेजा गया है। दरअसल ये पुलिसकर्मी विधायकों को अच्छी तरह से जान गए हैं। यही वजह है कि सरकार ने इन्हीं पुलिसकर्मियों को जैसलमेर में भी सुरक्षा में तैनात करने का फैसला किया है।
सचिन पायलट के विधायक भी होटल में रुके हुए हैं। इस बीच गहलोत और पायलट गुट के जो विधायक होटलों में रुके हैं, उनके वेतन-भत्ते रोकने के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में विवेक सिंह जादौन की ओर से जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की गई है। याचिका में दलील दी गई है कि कोरोनावायरस के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन विधायक अपने इलाकों में जाने की बजाय होटलों में ठहरे हैं।
राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू होगा। तब तक गहलोत गुट के विधायकों को होटल में एकजुट रखे हुए एक माह से ज्यादा का वक्त हो जाएगा। ऐसे में राज्य सरकार विधानसभा सत्र के पहले ही दिन फ्लोर टेस्ट करा सकती है।
गहलोत गुट के विधायकों को जयपुर के फेयरमोंट होटल से जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस ही क्यों शिफ्ट गया? दरअसल इसके कई अहम कारण हैं। पहला कारण होटल फेयरमोंट पर ईडी का कसता शिकंजा था। ईडी ने 13 जुलाई को इस होटल पर छापेमारी की थी। ऐसे में गहलोत गुट को आशंका थी कि एक बार फिर यहां छापेमारी हो सकती है। यही वजह है कि गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को वहां से निकालना ही बेहतर समझा। इसके अलावा होटल फेयरमोंट दिल्ली रोड पर होने के कारण महफूज नहीं समझा जा रहा था। ऐसे में जैसलमेर से 20 किलोमीटर दूर एकांत में बना होटल सूर्यगढ़ कांग्रेस को बेहतर ठिकाना लगा। जयपुर में राजधानी होने के चलते विधायकों के सरकारी आवास थे और वहां उनसे मिलने के लिए लोगों का आना-जाना लगा था। ऐसे में कांग्रेस ने विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट करना बेहतर समझा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का बड़ा खेल खेल रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान में चल रहे इस ‘तमाशे’ को बंद करवाने की अपील की। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान बागियों को माफ कर देते हैं तो वे भी उन्हें गले लगा लेंगे। गहलोत ने उनके एवं उनकी सरकार के खिलाफ बयानबाजी के खिलाफ भाजपा विशेषकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कटाक्ष किया और कहा कि आडियो टेप प्रकरण के बाद शेखावत को तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर लॉकडाउन की संभावना को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि वह इसे उचित नहीं समझते। इसके साथ ही गहलोत ने लोगों को आगाह किया कि वे सभी नियम प्रोटोकॉल का पालन करें। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में पूर्ण लॉकडाउन की योजना संबंधी सवाल पर कहा,‘‘ फिर से तो लॉकडाउन लगाना उचित नहीं समझता मैं। परंतु मैं जनता को आगाह करना जरूर चाहूंगा कि महामारी तो महामारी है, यह खतरनाक महामारी है। सरकार की तरफ से सलाह दी गयी है कि किस प्रकार मास्क लगाना है, किस प्रकार सोशल डिस्टेंसिंग करनी है ... जनता को इसमें खुद के लिए एवं सभी के लिए सहयोग करना चाहिए।’’
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से शनिवार को 14 और मौत हुईं जिससे राज्य में संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 694 हो गई है। इसके साथ ही रिकार्ड 1160 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 43243 हो गयी जिनमें से 11881 रोगी उपचाराधीन हैं। एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात साढ़े आठ बजे तक के चौबीस घंटों में राज्य में 14 और संक्रमितों को मौत हुई जिनमें जयपुर में सात, नागौर में दो, भीलवाड़ा में दो, जोधपुर में एक, पाली में एक, कोटा में एक और मरीज की मौत दर्ज की गई। इससे राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 694 हो गई है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का बड़ा खेल खेल रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान में चल रहे इस ‘तमाशे’ को बंद करवाने की अपील की। गहलोत ने यहां संवाददाताओं कहा, ‘‘दुर्भाग्य से इस बार भाजपा का प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त का खेल बहुत बड़ा है। वह कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश का प्रयोग यहां कर रही है। पूरा गृह मंत्रालय इस काम में लग चुका है।’’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जैसलमेर में कहा, ‘देश के हालात गंभीर है। राजस्थान की जनता ने हमारा साथ दिया। भाजपा कौन होती है सरकार गिराने वाली। हमने कभी उनकी सरकार गिराने की कोशिश नहीं की। दुर्भाग्य से भाजपा का हॉर्स ट्रेडिंग का खेल बहुत बड़ा है। खून उनके मुंह लग चुका है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश के अंदर सफल हो गए, इसलिए यहां प्रयास कर रहे हैं। गृह मंत्रालय राजस्थान में सरकार गिराने के काम में लगा हुआ है।’
अशोक गहलोत ने शनिवार को जैसलमेर में मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, 'मैं एग्रेसिव नहीं हूं। प्यार से मोहब्बत से बात करता हूं। हर पार्टी, हर मंत्री का आदर करता हूं। मुस्कुराता रहता हूं, ये भगवान की देन है। अगर आलाकमान सबको (बागी विधायकों) माफ करता है तो मैं गले लगाने के लिए तैयार हूं। मुझे पार्टी ने बहुत कुछ दिया है। मुझे क्या चाहिए। जो कर रहा हूं जनता की सेवा के लिए कर रहा हूं। आलाकमान के फैसले पर मुझे कोई एतराज नहीं है।'
भाजपा ने राजस्थान में अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा शनिवार को की। इसमें आठ प्रदेश उपाध्यक्ष एवं चार महामंत्री शामिल हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि नई कार्यकारिणी में पार्टी ने सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा है और युवाओं के साथ साथ अनुभवी नेताओं को भी मौका दिया गया है। नई कार्यकारिणी में सांसद सीपी जोशी, विधायक चंद्रकाता मेघवाल, पूर्व विधायक अलका गुर्जर, अजय पाल सिंह, हेमराज मीणा, प्रसन्न मेहता, मुकेश दाधीच एवं माधोराम चौधरी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह सांसद दीया कुमारी, विधायक मदन दिलावर, सुशील कटारा एवं भजनलाल शर्मा को प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। सवाईमाधोपुर से विधायक रह चुकी सांसद दीया कुमारी को प्रदेश संगठन में जगह दी गई है।
पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक, जैसलमेर गई पुलिस टीम में जयपुर पुलिस कमिश्नरी के एडिशनल पुलिस कमिश्नर (द्वितीय) राहुल प्रकाश, डीसीपी नार्थ डॉ. राजीव पचार, एडिशनल डीसीपी सुनित शर्मा, एडिशनल डीसीपी सतवीर सिंह, एडिशनल डीसीपी राजेंद्र प्रसाद खोथ, एसीपी राजेंद्र नैन, एसीपी शंकरलाल छाबा, एसीपी रणवीर सिंह, एसीपी सेठाराम, एसीपी विक्रम सिंह, एसीपी राजेश मलिक शामिल होंगे। इसके अलावा इंस्पेक्टर सागर बुरड़क, महावीर सिंह राठौड़, गुरुदत्त सैनी, सुरेश मीणा, श्रीचंद, बनवारी लाल मीणा, रेवड़मल मोर्य, सुरेंद्र सिंह, सतपाल सिंह शेखावत, सुरेंद्र सैनी, प्रदीप सिंह, सहीराम, रतनलाल, भूपेंद्र सिंह, भीखाराम, मुकेश खराडिया, अजय कुमार हैं। इसके अलावा सब इंस्पेक्टर रविंद्रपाल, राजवीर सिंह, बाबूलाल समेत 57 हेडकांस्टेबल/कांस्टेबल हैं। इनमें 24 पुलिसकर्मी सादी वर्दी में होटल के आसपास तैनात रहेंगे।
माना जा रहा है कि जैसलमेर में रोके गए विधायक सूर्यगढ़ होटल से ही सीधे सदन पहुंचेंगे। शनिवार सुबह विधायकों ने होटल के लॉन में व्यायाम और योग किया। इसके बाद सीएम अशोक गहलोत के साथ बैठकर चाय की चुस्कियां ली। इस दौरान सीएम गहलोत ने विधायकों के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की। गहलोत ने विधायकों से कहा कि कुछ दिन की ही बात है। हमें एकजुट रहना पड़ेगा। गहलोत गुट के कुछ मुस्लिम विधायकों ने होटल में ही ईद की नमाज पढ़ी। इसके लिए एक मौलवी को विशेष रूप से होटल में बुलाया गया था। बता दें कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की बगावत के बाद से गहलोत सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं।
विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के वॉइस सैंपल लेने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने सीएमएम कोर्ट में अर्जी लगाई है। विधायक भंवरलाल शर्मा के वॉइस सैंपल भी लिए जाएंगे। एसओजी ने कहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के वायरल ऑडियो की एफएसएल रिपोर्ट आ गई है। अब तक की जांच के आधार पर मंत्री और विधायक के वॉइस सैंपल लेना सही होगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया का कहना है कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक होता है और वह एक तरह से जज की भूमिका में होते हैं लेकिन वैभव गहलोत के साथ जिस तरह की उनकी सियासी चर्चा सामने आयी है, उससे उनकी भूमिका पर सवाल उठना लाजिमी है। यह अनैतिक है और स्पीकर को पद छोड़ देना चाहिए। बता दें कि सीपी जोशी की अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के साथ की एक वीडियो वायरल हुई है, जिसमें वह राजस्थान के मौजूदा सियासी बवाल पर चर्चा कर रहे हैं।
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत समर्थक 90 विधायक जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ में शाही मेहमान नवाजी का आनंद ले रहे हैं। सीएम गहलोत और विधायक शुक्रवार शाम में जैसलमेर पहुंचे थे। वहीं कुछ मंत्री और विधायक आज जैसलमेर पहुंच जाएंगे। होटल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है।
विधायकों के जैसलमेर स्थानांतरित होने पर सरकारी कामकाज के बारे में गहलोत ने कहा, ‘‘मैं खुद जयपुर रहूंगा, मेरे अधिकांश मंत्री जयपुर रहेंगे, आते-जाते रहेंगे। परंतु प्रशासन में हम लोग कोई समझौता नहीं करेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मैं रोज वीडियो कॉन्फ्रेंस कर रहा हूं। रोज आदेश जारी हो रहे हैं, कानून व्यवस्था की स्थिति हमने संभाल रखी है।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘लेकिन साथ में सरकार बचाना भी जरूरी है क्योंकि अगर केंद्र सरकार खुद (आपके पीछे पड़ जाए) लग जाए, गृह मंत्रालय लग जाए तो आप सोच सकते हो कि मुकाबला करने के लिए ...आज खुद जनता साथ दे रही है हमारा।
मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों को शिफ्ट करने के सवाल पर कहा, ‘‘हमारे विधायक काफी दिन से यहां बैठे हुए थे, मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे, इसलिए हमने उन्हें नयी जगह ले जाने का सोचा। इससे उनपर दबाव कम होगा, ज्यादा दूर भी नहीं है, इसलिए हम जा रहे हैं।’’