राजस्थान में कोरोनावायरस वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल, राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने मंगलवार को दावा किया था कि राजस्थान में सिर्फ एक-दो दिन की ही कोरोना वैक्सीन बची है। अगर जल्दी सप्लाई नहीं की गई, तो वैक्सीनेशन का काम रुक सकता है। हालांकि, इस पर केंद्र सरकार ने शाम को ही स्पष्टीकरण दे दिया। केंद्र ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीके की उपलब्धता की लगातार निगरानी की जा रही है और जरूरत तथा इस्तेमाल के आधार पर खुराकें मुहैया कराई जा रही हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि राजस्थान को 37.61 लाख खुराकों की आपूर्ति की गई है और सोमवार रात तक केवल 24.28 लाख खुराकें इस्तेमाल की गयी हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ऐसी कुछ खबरें आई हैं कि राजस्थान में कोविड-19 टीके की आपूर्ति घट गई है। तथ्य यह है कि फिलहाल किसी भी राज्य में कोविड-19 टीके की कमी नहीं है।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में टीके की उपलब्धता की लगातार निगरानी कर रही है और जरूरत तथा इस्तेमाल के आधार पर खुराकें मुहैया कराई जा रही हैं।

राजस्थान सरकार बोली- हमें मिले 31.45 लाख डोज: केंद्र सरकार के इस बयान पर राजस्थान सरकार ने एक बार फिर पलटवार किया। चिकित्सा विभाग ने कहा कि हमें 31.45 लाख डोज मिलीं, जिनमें 23.26 लाख डोज इस्तेमाल हुईं और 1.62 लाख खराब हो गईं। अब सिर्फ 4.4 लाख डोज ही बची हैं। इसके बाद खुद सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार के डेटा को गलत बताते हुए कहा कि मेरी स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से अपील है कि वे अपने अधिकारियों को जल्द ही वैक्सीन उपलब्ध करवाने और राजस्थान के बारे में गलत जानकारी न देने का निर्देश दें।

टीकाकरण प्रक्रिया में आ सकती है समस्या: सीएम अशोक गहलोत आगे बोले- “अब तक कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार 5-7 दिन में वैक्सीन डोज उपलब्ध करवा सकेगी, इससे वैक्सीन के दूसरे डोज लगाने में देरी आ सकती है।” सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसी स्थिति रही, तो कुछ जिलों में पीएचसी-सीएचसी स्तर पर मजबूरन वैक्सीन की पहली डोज बंद करनी पड़ सकती है।

सीएम गहलोत पर विपक्ष का निशाना: राजस्थान में टीकों की कमी के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम मामले में राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि कम से कम वैश्विक महामारी कोरोना के टीकाकरण के नाम पर राजनीति तो न करें। डोज के बारे में केंद्र सरकार को सुनाने से पहले वे चिकित्सा विभाग से पूछ लेते कि 1.62 लाख डोज खराब क्यों हुईं, तो अच्छा लगता।