राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि भारत में आईआईटी, आईआईएम और ISRO जैसे उच्च शिक्षा के संस्थान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की दूरदर्शिता का नतीजा हैं। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में नेहरू की अहम भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि तब विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर भारत का मुख्य फोकस था। इसी लिए देश में उच्च शिक्षा पर खासा जोर दिया गया।
राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित गोविंद गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी में महर्षि वाल्मीकि भवन, परीक्षा एवं शोध अनुभाग के लोकार्पण कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए सीएम गहलोत ने कहा कि आज भारत के कई डॉक्टरों और इंजीनियरों ने दुनियाभर में नाम कमाया है तो इसके पीछे अलग-अलग कांग्रेस सरकारों का उच्च शिक्षा पर दिया गया जोर ही था। उन्होंने कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने लंबी छलांग पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की दूरदर्शिता की वजह से लगाईं, जिसकी वजह से बाद में डिजिटल क्रांति शुरू हुई।
गहलोत ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राजस्थान अब सूखे या भुखरी से नहीं जुड़ा है और यहां इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) जैसे संस्थान राजस्थान में खड़े किए जा चुके हैं।
इसी के साथ राजस्थान सीएम ने भाजपा शासन में मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे सिंधिया पर भी निशाना साधा। उन्होंने वसुंधरा के कार्यकाम में दो यूनिवर्सिटी के बंद होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये पहली बार था, जब ऐसा कुछ हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय वेद विद्यापीठ की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों को हम आगे बढ़ाएंगे। सीएम ने रतलाम-बांसवाड़ा रेल प्रोजेक्ट और सुपर क्रिटिकल पावर स्टेशन के प्रोजेक्ट बंद करने पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया।