राजस्थान के बीकानेर जिले से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां अपनी माँ के निधन पर उन्हें कंधा देने जा रहे बेटे की श्मशान घाट में ही मौत हो गयी। मामला बीकानेर जिले के नोखा का है जहां 88 साल की मां के निधन पर उसकी अर्थी को कंधा देने जा रहे 67 साल के बेटे की श्मशान घाट पर हार्ट अटैक से मौत हो गयी।
भास्कर अखबार में छपी खबर के अनुसार, नोखा गांव में 88 साल की मृतक तारादेवी को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था। बेटा सुभाष मां को कंधों पर श्मशान घाट के पहले गेट तक ले गया। जहां पंडित ने बेटे सुभाष के हाथों पूजा करवाई और जैसे ही सभी श्मशान घाट के दूसरे द्वार स्थित अंतिम दाह संस्कार स्थल पर पहुंचे, वहीं अचानक तारादेवी के बेटे सुभाष गश खाकर गिर गए। सुभाष के गिरते ही वहां मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें संभाला, पानी के छींटे डाले लेकिन तब तक उनका शरीर निढाल हो चुका था। आनन-फानन में उन्हें नोखा अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने हार्ट अटैक से उनकी मौत हो जाने की पुष्टि की।
मां को मुखाग्नि देने गए बेटे को आया हार्ट अटैक
तारादेवी खत्री का रविवार रात को निधन हुआ था। उसके पोते बेंगलुरु में रहते हैं। ऐसे में सोमवार शाम चार बजे उनके आने के बाद तारादेवी का अंतिम संस्कार किया गया। शाम का समय हो चुका था ऐसे में सुभाष चंद्र का अंतिम संस्कार करना भी संभव नहीं था। हॉस्पिटल में मौजूद परिजन और उनके परिचितों ने उनकी मौत की खबर को किसी को नहीं बताने का निर्णय लिया। पूरी रात सुभाष चंद्र का शव हॉस्पिटल में ही रखा गया। मंगलवार सुबह सुभाषचंद्र का शव घर लाए और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। सुभाष चंद्र खत्री जलदाय विभाग से सेवानिवृत्त थे।
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हरियाणा के सोहना से सामने आया था ऐसा ही मामला
ऐसा ही मामला कुछ महीनों पहले हरियाणा के सोहना से सामने आया था जहां एक बेटा मां की चिता को मुखाग्नि दे रहा था कि इस दौरान वह गश खाकर गिर गया। जब तक उसे अस्पताल पहुंचाया गया, तब उसकी मौत हो चुकी थी। दरअसल, गुरुग्राम के सोहना पठान वाडा निवासी धर्म देवी (92) का वृद्धावस्था के चलते निधन हो गया था उनके शव को मुखाग्नि देने के दौरान बेटे सतीश (69) को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और वह बेहोश हो गए। इस दौरान सतीश को परिजन गुरुग्राम ले गए, वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मां के बाद बेटे का अंतिम संस्कार किया गया।
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