Rajasthan Assembly Elections 2018: राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तगड़ा झटका लग सकता है। शनिवार (छह अक्टूबर, 2018) को यहां सरकारी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल तो खत्म कर दी। पर उन्होंने इसके साथ ही कहा कि वे आने वाले समय में बीजेपी का समर्थन नहीं करेंगे। आपको बता दें कि बीते दो हफ्तों से राज्य में एक लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर थे। खास बात है कि यह हड़ताल राज्य में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम जारी होने के ठीक एक दिन पहले समाप्त हुई। चुनाव की तारीखों जारी होने साथ राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है।

हड़ताल पर गए अधिकतर कर्मचारियों की मुख्य मांग – सातवें वेतन आयोग को लागू कराना था। वे इसके अलावा नई भर्तियां, सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ और पे ग्रेड बढ़ाने के लिए भी अपनी आवाजें बुलंद कर रहे थे। चुनावी आचार संहिता के मुताबिक, सरकार अब किसी भी नई पहल, अनुदान या वित्तीय फैसलों का ऐलान नहीं कर सकती है।

राजस्थान स्टेट मिनिस्ट्रियल एंप्लाइज यूनियन के राज्य महासचिव रमेशचंद शर्मा ने बताया, “सरकार ने किसी खास मतलब से हमारे साथ बातचीत में देरी कर समय जाया किया, ताकि चुनावी आचार संहिता लागू हो जाए। ऐसे में हम लोगों ने फैसला लिया है कि राज्य के सरकारी कर्मचारी आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी का समर्थन नहीं करेंगे।”

गौरतलब है कि चुनाव आयोग (ईसी) ने रविवार (सात अक्टूबर) को पांच राज्यों के चुनावी कार्यक्रम का ऐलान किया था। इन राज्यों में राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना शामिल हैं। दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि 15 दिसंबर से पहले सभी चुनावों की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी।

छत्‍तीसगढ़ में दो चरण में चुनाव होंगे, जिनमें पहला चरण का मतदान 12 नवंबर और दूसरा चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होगी। मध्‍य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वहीं, राजस्‍थान और तेलंगाना में वोटिंग की तारीख सात दिसंबर तय की गई है। इन सभी राज्‍यों में 11 दिसंबर को मतगणना होगी।