Rajasthan Government Crisis HIGHLIGHTS: राजस्थान में पिछले करीब एक हफ्ते से सियासी संकट जारी है। राज्य में कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बाद पार्टी ने उनसे उपमुख्यमंत्री और राज्य पार्टी अध्यक्ष का पद छीन लिया। इसके अलावा उन्हें और 18 बागी विधायकों से नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया है। इस बीच भाजपा ने भी कांग्रेस के मौजूदा हालात पर तंज कसना शुरू कर दिया है। भाजपा के राजस्थान प्रभारी सतीश पूनिया ने कांग्रेस से पूछा है कि आखिर किसी बिनाह पर पार्टी ने अपने पूर्व उपमुख्यमंत्री को ही नोटिस थमा दिया। वह भी तब जब कांग्रेस के पास उन्हें विधानसभा से निकलवाने की कोई ठोस वजह ही नहीं है। क्या एक पार्टी मीटिंग में गैरमौजूदगी किसी नेता को निकाले जाने की वजह हो सकती हैं?
गौरतलब है कि पार्टी की तरफ से नोटिस जारी होने के बावजूद पायलट ने भाजपा में शामिल नहीं होने की बात कही है। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा है कि जयपुर में कुछ दिन पहले ही विधायकों की खरीद-फरोख्त का काम जारी था। हमारे पास इस बात के सबूत हैं। अगर हमने 10 दिन पहले विधायकों को होटल में न रखा होता, तो आज जो मानेसर में हो रहा है वो यहां भी हो रहा होता। गौरतलब है कि सचिन पायलट के समर्थक विधायक हाल ही में मानेसर स्थित होटल में रखे गए थे।
अब राजस्थान कांग्रेस की तरफ से भी उन्हें लेकर नरमी का रुख अख्तियार किया गया है। राज्य में पार्टी के प्रमुख अविनाश पांडे ने कहा है कि सचिन पायलट को अपनी गलतियां मान लेनी चाहिए और सरकार गिराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, उनके साथ बातचीत के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं। लेकिन अब लगता है कि वे इन सब बातों से आगे बढ़ गए हैं।
गौरतलब है कि पायलट ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि वे अभी भी कांग्रेस के सदस्य हैं और राजस्थान के ही कुछ नेता पार्टी हाई कमान के बीच उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि सचिन पायलट पहले भी भाजपा से जुड़ने की बातों को नकार चुके हैं।
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राजस्थान कांग्रेस में फिलहाल अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। अशोक गहलोत सरकार 109 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है लेकिन स्थिति इतनी भी आसान नहीं दिख रही है। दरअसल कांग्रेस की सहयोगी पार्टी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के विधायक राजकुमार रोआत ने एक वीडियो संदेश जारी कर आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें कहीं आने जाने नहीं दे रही है। उनकी गाड़ी की चाबी ले ली गई है और बंधक जैसे हालात हैं।
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Highlights
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत बेवजह तुच्छ राजनीति में पड़ रहे हैं खासकर तब जब उनकी पार्टी उनके इरादे पूरे करने में असफल रही। कांग्रेस पिछले काफी समय से भाजपा पर राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाती रही है। इसी सिलसिले में डोटासरा ने भी भाजपा पर निशाना साधा।
गुजरात के मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने राजस्थान में कांग्रेस के मौजूदा हालात को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जितनी कमजोर कांग्रेस होगी, उतना ही भाजपा के लिए फायदा है। पटेल ने कहा कि हमने पहले देखा कि मध्य प्रदेश में क्या हुआ, अब वही राजस्थान में हो रहा है। यह सब कांग्रेस नेतृत्व की गलती है। यह दोनों नेता (ज्योतिरादित्य सिंधिया-सचिन पायलट) राहुल गांधी के दाएं-बाएं हाथ की तरह थे। लेकिन अब उनके दोनों हाथ अलग हो गए हैं।
राजस्थान में मंत्रीपद छीने जाने के बाद कांग्रेस के विश्वसनीय नेता माने जा रहे रमेश मीणा ने भी बगावती सुर बुलंद किए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि सीएम कह रहे हैं कि लोगों को पैसे ऑफर हो रहे हैं और वे इन्हें ले भी रहे हैं। मैं सिर्फ उनसे यह पूछना चाहूंगा कि जब हम बसपा में थे और बाद में कांग्रेस में शामिल हुए तो उन्होंने हमें कितना दिया? उन्हें इसका ईमानदारी से जवाब देना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि सचिन पायलट और भाजपा के नेताओं के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। बोले, ‘‘मैंने कहा था कि हमारे वैचारिक मंच से कोई जनाधार वाला व्यक्ति जुड़ता है तो यह खुशी की बात होगी। हमारे (राजस्थान) प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी इसी मंशा से यह बात कही होगी। लेकिन इसको ऐसे नहीं समझना चाहिए कि हम व्यग्रता से कालीन बिछाकर किसी का इंतजार कर रहे हैं। ’’
कांग्रेस महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने ट्वीट किया, ‘‘पायलट के लिए पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, भगवान उनको सद्बुद्धि दे और उन्हें उनकी गलती समझ आए। मेरी प्रार्थना है कि भाजपा के मायावी जाल से वह बाहर निकल आएं।’’ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह भाजपा में नहीं जाना चाहते तो हरियाणा में भाजपा सरकार का आतिथ्य त्याग दें और वापस अपने घर जयपुर लौट आएं।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने इसकी पुष्टि की है कि कांग्रेस की शिकायत पर बुधवार को 19 विधायकों को नोटिस भेजा गया। इन विधायकों को शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के बागी नेता पायलट का नाम लिए बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के प्रमाण हैं कि खरीद फरोख्त की कोशिश हुई है।
कांग्रेस ने विधायक दल की हालिया बैठकों से अनुपस्थित रहने पर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है । हालांकि, पार्टी ने फिर से कहा है कि पायलट और दूसरे बागी विधायकों के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि सचिन पायलट और भाजपा के नेताओं के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। शेखावत के इस बयान के पहले कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट ने कहा था कि वह भगवा पार्टी में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने एक बयान में कहा कि मंगलवार के उनके बयान से यह नहीं समझना चाहिए कि पार्टी ने उनके (पायलट) स्वागत के लिए कालीन बिछा दिया है।
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान के बाद राज्य में सत्ताधारी और विपक्षी दल आमने सामने है। अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस के विधायकों में असंतोष के कारण राज्य में जल्दबाजी में संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है।
विरोधी पार्टी की सरकार गिरने और अपने दल के फिर से सत्ता में पहुंचने जैसे अहम मामले में राजे का कोई सीधा बयान आना तो दूर, पिछले हफ़्ते भर में उन्होंने 'सचिन-पॉलिटिकल-अफ़ेयर' पर एक ट्वीट तक नहीं किया है। राजनीतिक विश्लेषक उर्मिलेश वसुंधरा राजे की चुप्पी के सवाल पर उसकी व्याख्या 'उनकी केंद्रीय नेतृत्व को लेकर और मोदी-शाह की उनसे असहज रिश्ते' में करते हैं।
राहुल गांधी के संदेश के बाद साफ हो गया है कि अभी सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद नहीं है। कांग्रेस में अभी सुलह-समझौते की गुंजाइश बची हुई है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा पायलट पर गंभीर आरोप लगाने के आधे घंटे के बाद ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट 'वापस घर' आएं और पार्टी फोरम पर खुलकर बात करें।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने कहा, ‘‘इन दिनों कांग्रेस पार्टी में कई युवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही अनुभवी नेतृत्व की भी जरूरत है क्योंकि आप वरिष्ठ साथियों की उपेक्षा नहीं कर सकते।’’ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कई युवाओं में सब्र नहीं है, उन्हें धीरज धरना आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पायलट मुख्यमंत्री पद के अधिकारी हों लेकिन उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए था, पार्टी के भीतर काम करना चाहिए था।
राहुल गांधी ने आज एनएसयूआई की बैठक में युवा नेताओं से कहा 'यदि कोई पार्टी छोड़कर जा रहा है तो जानें दें, यह आप जैसे युवा नेताओं के लिए दरवाजा खोलता है।
सुरजेवाला ने कहा "हमने सचिन पायलट का बयान सुना कि वो बीजेपी में नहीं जाएंगे। अगर आप बीजेपी में नहीं जाना चाहते तो फिर आप बीजेपी की हरियाणा सरकार का सुरक्षा चक्र तोड़कर चंगुल से बाहर आइए। बीजेपी के किसी भी नेता से बातचीत बंद कर दीजिए और परिवार के सदस्य की तरह जयपुर वापिस आइए।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा "सचिन पायलट और कई कांग्रेस MLA जो आज मौजूद नहीं है। उनको हमने बहुत बार कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आने का निमंत्रण दिया और कहा कि अगर आपको लगता है कि कांग्रेस विधायक दल का बहुमत आपके पास है तो आइए अपना बहुमत साबित कीजिए और अपना अधिकार है ले लीजिए।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट जी और कई विधायकों को हमने कई बार आग्रह किया था कि अगर आपका कोई वैचारिक मतभेद है तो घर के अंदर बैठकर पार्टी फॉरम पर अपनी बात रख सकते हैं। वापिस आइए और अपनी बात रखिए।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट लिखा " मैंने यह भी कहा, आज हमसे अच्छा काम ये कर सकते हैं, हमारे ज़माने में तो कोई कम्युनिकेशन नहीं था, आज तो आईटी का ज़माना है, मोबाइल फोन है, मीडिया है, ये देश के लिए हमसे अच्छी परफॉर्मेंस कर सकते हैं, देश का फ्यूचर इन पर डिपेंड करता है। लेकिन ये खुद ही अगर हॉर्स ट्रेडिंग को पसंद करेंगे, हॉर्स ट्रेडिंग को प्रमोट करेंगे, हॉर्स ट्रेडिंग का हिस्सा बनेंगे ये नई पीढ़ी के लोग, तो देश को बर्बाद नहीं करेंगे....? क्या मीडिया को दिखता नहीं है ये, आप बताइये, मीडिया को दिखती नहीं है क्या ये बात?"
राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा "10 दिन के लिए हमें लोगों को जयपुर में होटल में रखना पड़ा था। अगर उस वक्त हम होटल में नहीं रखते तो जो आज मानेसर में हो रहा है वो उस वक्त हो रहा होता।
राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि होर्स ट्रेडिंग की गई है हमारे पास प्रूफ है। कैसे उनके दलाल लोगों ने काम किया। पैसा ऑफर कर रहे थे पर कई लोगों ने लिया नहीं, वो प्रूफ भी मेरे पास है वो मेरे साथ बैठे लोग हैं। गहलोत ने कहा "हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गए 40 साल राजनीति करते हो गए। ये जो नई पीढ़ी आई है, हम उन्हें प्यार करते हैं। आने वाला कल उनका है। 40 साल पहले की जो लीडरशिप थी उसकी खूब रगड़ाई हुई थी फिर भी आज जिंदा है। अगर इनकी और रगड़ाई हुई होती तो और अच्छे से काम करते।"
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को बर्खास्त किए जाने के बाद अब कार्यकारिणी में भी जल्द बदलाव किए जाने हैं। इसको लेकर कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने प्रदेश कार्यकारिणी और सभी विभागों-प्रकोष्ठों को भंग कर दिया है। अब पीसीसी में नई नियुक्तियां अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा करेंगे। फिलहाल डोटासरा से इजाजत लिए बिना कोई कांग्रेस कार्यकर्ता मीडिया से बातचीत नहीं करेगा।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मची उठापठक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार को बचाने के लिए नए गेम प्लान में जुट गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खबर है कि सीएम गहलोत नई रणनीति के तहत सरकार में दो उपमुख्यमंत्री का फॉर्म्यूला लागू कर सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर...
इस बीच पायलट समर्थक विधायकों द्वारा इस्तीफे की खबरें भी जोर पकड़ रही हैं, हालांकि अब तक कहीं से भी गहलोत सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठी है। दूसरी तरफ राजस्थान में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा अपनी रणनीति बनाने के लिए आज जयपुर में बैठक करेगी। सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी शामिल होंगी। बैठक में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार हो सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने राजस्थान के राजनीतिक संकट पर टिप्पणी की है। उन्होंने अशोक गहलोत का पक्ष लेते हुए कहा कि सचिन पायलट को अपने समय का इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आज कल कांग्रेस में इतने युवाओं को मौका मिलता है। लेकिन इसी समय एक परखी हुई लीडरशिप की भी जरूरत होती है। आप ऐसे ही किसी पुराने नेता को रिजेक्ट नहीं कर सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी ने विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मीटिंग में न पहुंचने के लिए 2 दिन के अंदर जवाब मांगा है। वल्लभनगर में उनके घर के बाहर इस बाबत एक नोटिस भी लगा दिया गया है। उनके साथ पार्टी के 18 अन्य विधायकों को भी नोटिस जारी किया गया है।
भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि उन्हें फिलहाल विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की जरूरत महसूस नहीं हो रही है। कटारिया ने बताया कि पहले भाजपा हाईकमान की बैठक सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद होने वाली थी, लेकिन चूंकि अब यह रद्द हो गई है ऐसे में वसुंधरा राजे जी को शाम तक आने के लिए कहा गया है। इसके बाद ही बैठक होगी।
कांग्रेस ने अपने बगावती विधायकों के घर के बाहर नोटिस चिपकाकर उनसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बुलाई गई मीटिंग में न पहुंचने के लिए जवाब मांगा है। राजस्थान के बाड़मेर स्थित गुडामलानी में विधायक हेमराम चौधरी के घर के बाहर भी ऐसा ही एक नोटिस चिपकाया गया है। पार्टी ने उनके साथ 18 अन्य विधायकों से दो दिन के अंदर जवाब मांगा है।
राजस्थान में सचिन पायलट की बगावत की वजह से मुश्किल में फंसी कांग्रेस अब मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए सरकार बचाने पर विचार कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान में अब 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल यहां 25 मंत्री हैं। इनमें से पायलट समेत 3 को हटाया जा चुका है। इस तरह 22 मंत्री हैं। अब 8 नेताओं को मंत्रीपद सौंप कर पार्टी में रहने के लिए मनाया जा सकता है। इससे अशोक गहलोत की स्थिति और मजबूत होगी।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि सचिन पायलट को धीरज रखना चाहिए था। उन्होंने कहा, "सचिन को बेहद कम उम्र में राजस्थान पार्टी प्रमुख और डिप्टी सीएम तक बना दिया गया। वे अभी युवा हैं और उन्हें कुछ धैर्य बनाए रखना था। उनकी गतिविधियां पार्टी के खिलाफ हैं। आजकल के युवाओं में बिल्कुल धैर्य नहीं है।"
राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख अविनाश पांडे ने कहा है कि हमने सचिन पायलट और 18 पार्टी सदस्यों को नोटिस जारी कर पार्टी मीटिंग में शामिल न होने के लिए जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर सभी दो दिन के अंदर जवाब नहीं देते हैं, तो हम समझेंगे कि वे CLP से अपनी सदस्यता छोड़ रहे हैं।
कांग्रेस में बगावती तेवरों के बाद हाशिए पर ढकेल दिए गए सचिन पायलट ने कहा है कि वे भाजपा नहीं जॉइन कर रहे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के कुछ नेता ऐसी आशंकाएं जता रहे हैं कि मैं भाजपा जा रहा हूं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। मैंने राजस्थान में कांग्रेस को खड़ा करने और सरकार बनाने में काफी मेहनत की है।
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है। अगर इन बागियों की सदन से सदस्यता द्द कर दी जाती है, तो यह अशोक गहलोत सरकार के लिए फायदा पहुंचाने वाला गणित साबित हो सकता है। खासकर अगर भाजपा कोई अविश्वास प्रस्ताव लाई तब। गौरतलब है कि गहलोत सरकार में इस वक्त कुल 107 विधायक हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर चल रही बैठक खत्म होने के बाद सरकार के सभी मंत्री होटल फेयरमाउंट होटल में रखे गए हैं। उनके साथ अशोक गहलोत भी हैं। बताया जा रहा है कि मीटिंग के दौरान पार्टी का सारा जोर बगावत करने वाले विधायकों की सदस्यता रद्द कराने पर रहा। खबर है कि पायलट के मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। वहीं, सचिन पायलट बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।
भारतीय जनता पार्टी राजस्थान विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को सरकार बनाने के मौके के तौर पर देख रही है। माना जा रहा है कि आज पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है। दरअसल, अब तक कांग्रेस के ज्यादातर विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, पायलट को भी राज्य का जमीनी नेता कहा जाता है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए भाजपा सदन में बहुमत परीक्षण कराने पर जोर देना चाहती है, ताकि अगर गहलोत सरकार गिर जाए, तो पार्टी कांग्रेस से बगावत करने वाले पायलट के साथ सौदेबाजी में शामिल हो सके।
कांग्रेस ने राजस्थान में सचिन पायलट से कई अहम पद छीन लिए हैं। इसके मद्देनजर वे बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा ले सकते हैं। एक दिन पहले ही पायलट ने ट्विटर पर कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर अपने बायो को चेंज करते हुए इसमें कांग्रेस का जिक्र हटा दिया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और राज्य के पार्टी प्रमुख पद से हटाए जाने पर दुख जताया है। थरूर ने कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस के सबसे बेहतरीन और उज्ज्वल भविष्य थे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह इस हद तक नहीं जाना चाहिए था। उन्हें सबके साथ मिलकर पार्टी को ज्यादा बेहतर और हमारे सपनों को पूरा करने के लिए प्रभावशाली जरिया बनना था।
सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस के पाली जिलाध्यक्ष चुन्नीलाल चडवास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, कांग्रेस की राजनीतिक सियासत के बीच प्रदेश पार्टी प्रवक्ता ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। राजस्थान कांग्रेस के प्रवक्ता सुमेर चरण ने राहुल गांधी को को पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने राहुल गांधी को लिखे पत्र में इस्तीफा देने के साथ ही इच्छा मृत्यु की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पदों से सचिन पायलट को हटाए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि वह पायलट के पार्टी ‘छोड़ने’ को लेकर दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मैं सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़ने को लेकर दुखी हूं। काश ! बात यहां तक नहीं पहुंची होती। अलग होने के बजाय उन्हें अपने, हमारे सपनों को पूरा करने के लिए पार्टी को बेहतर एवं प्रभावशाली बनाने के प्रयास में शामिल होना चाहिए था।’’
अशोक गहलोत मंत्रिमंडल व मंत्री परिषद की बैठक मंगलवार रात यहां हुई जिसमें राज्य में 223 करोड़ रुपये के निवेश की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी तथा कई अन्य फैसले किए गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में ये बैठकें मंगलवार रात मुख्यमंत्री निवास पर हुई। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह तथा रमेश मीणा को हटाए जाने के बाद मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता गंवा चुकी है और राजस्थान में भी गंवाने वाली है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में भी गठबंधन सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाएगी। भाजपा की सहयोगी आरपीआई (ए) के प्रमुख आठवले ने कहा कि अगर सचिन पायलट और उनका समर्थन करने वाले विधायकों ने भाजपा से हाथ मिला लिया तो कांग्रेस राजस्थान में भी सत्ता गंवा देगी ।
अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को कहा कि शासन ‘‘ऑटो पायलट’’ मोड में चल रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री ‘‘पायलट का पीछा करने में व्यस्त हैं।’’ कांग्रेस ने सचिन पायलट को पार्टी के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया।