दिल्ली में एक लड़की परीक्षा से घबराकर घर छोड़कर भाग गई। ट्रेन से चेन्नई जा रही थी, तभी वह भारतीय रेल के कर्मचारियों को मिली। रेलवे ने उसे 36 घंटों के भीतर रेस्क्यू कराया और उसके परिजन तक सही-सलामत पहुंचाया। बाद में खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल उससे मिले और उससे एक खास तोहफा दिया। रोचक बात है कि रेल मंत्री ने बच्ची को जो तोहफा दिया, उससे प्रधानमंत्री भी जुड़े हुए हैं। यह जानने से पहले कि तोहफे में क्या था, पहले पूरी घटना के बारे में जानिए। अनायस जोसमन अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं। वह नौवीं कक्षा की छात्रा हैं। आठ मार्च (गुरुवार) को वह अपने घर से भाग गई थीं, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं वह अपने गणित के पेपर में फेल न हो जाएं। किसी तरह वह निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंची और वहां से चेन्नई की ओर जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस में चढ़ गई थी। पीड़ित मां आइवन पीटर (45) ने बताया कि ने उनकी बेटी ने चेन्नई जाने की योजना बनाई थी। वह वहां जाकर बाइबल क्लासेज में दाखिला लेना चाहती थी।
नौ मार्च (शुक्रवार) को उसे भोपाल स्टेशन से रेस्क्यू किया गया और अगले दिन रेल मंत्री से उसे मिलाया गया। पीटर के अनुसार, “बेटी गणित में अच्छे नंबर लाने को लेकर घबराई हुई थी। पिछले एग्जाम में भी उसके कम नंबर आए थे।”
Met Anaïs Josemon from New Delhi who ran away from her home due to exam pressure and now rescued promptly by Railways and reunited with her family. Also gave her a copy of the book @ExamWarriors penned by PM @NarendraModi and told her 'be an Exam Warrior, not Worrier'. pic.twitter.com/txgfXdpTyf
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) March 10, 2018
रेलवे ने बच्ची को ऑपरेशन मुस्कान के तहत रेस्क्यू कराया, जिसमें परिजन से खोए-बिछड़े हुए बच्चों को दोबारा उनके घर पहुंचाया जाता है। गोयल ने इस बाबत ट्वीट भी किया, “मैं अनायस से मिला, जो घर से भाग गई थी। रेलवे ने उसे घर वालों से मिला दिया है। मैंने इसके अलावा उसे एग्जाम वॉरियर की एक किताब दी है, जिस पर पीएम मोदी के हस्ताक्षर और संदेश लिखा है।”
रेल मंत्री ने बच्ची को खास तोहफे के रूप में ‘एग्जाम वॉरियर’ किताब दी। यह किताब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी है। पीएम ने इस पर अपने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने इसी के साथ इसमें लिखा था, “एग्जाम वॉरियर बनो, न कि वरियर (परीक्षा का सामना करो न कि उससे घबराओ)।”