देश में आय असमानता की तरफ इशारा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने शनिवार (7 मई) को कहा कि दलितों के लिए कारोबार शुरू करना आसान बनाया जाना चाहिए। यह उनके सामाजिक रुतबे के लिए किसी भी तरह के आरक्षण से बेहतर होगा। उन्होंने धन को समानता का सबसे बड़ा साधन बताया और संपत्ति अर्जित करने या उसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बजाय उसके प्रति समाज की सहिष्णुता बढ़ाने का आह्वान किया। राजन ने कहा कि उन्हें भारत की वृद्धि को लेकर कोई चिंता नहीं है। लेकिन यह और बेहतर हो सकती है।

शिव नाडर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मुक्त बाजार में आप जो कुछ भी खरीदना चाहते हैं, उसके लिए धन चाहिए। आपको खानदान, परिवार का महान इतिहास, उपयुक्त फैशन वाले कपड़े या खूबसूरती की जरूरत नहीं है। राजन ने कहा कि धन समानता लाने वाला है। इतिहास में कई लोग संसाधन प्राप्त करने में सफल रहे और दुनिया को हमारे रहने लायक बनाने के लिए उसमें निवेश किया।

उन्होंने कहा कि दलितों के लिए कारोबार शुरू करने को आसान बनाया जाना चाहिए। यह किसी भी आरक्षण के मुकाबले उनके सामाजिक दर्जे को बढ़ाने में ज्यादा योगदान कर सकता है क्योंकि धन किसी भी अन्य चीज के मुकाबले ज्यादा सशक्त बनाता है। राजन ने कहा कि देश में आय की असमानता बढ़ रही है। इसलिए स्कूल व स्वास्थ्य तक पहुंच उपलब्ध कराना, अधिक संख्या में नौकरियों के साथ गैर-भेदभावकारी रोजगार बाजार और लिंग, नस्ल या पृष्ठभूमि पर गौर किए बिना आगे बढ़ने के लिए समान अवसर मुहैया कराना समय की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि धन व संपत्ति के उपयोग पर रोक लगाने के बजाय इसके उपयोग के लिए समाज की सहिष्णुता बढ़ाने के बारे में सोचा जाए।

देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे भारत की वृद्धि को लेकर कोई चिंता नहीं है। यह अच्छी है और यह इससे बेहतर हो सकती है। भारत 2015-16 में 7.6 फीसद वृद्धि के साथ दुनिया में सबसे तीव्र वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। चालू वित्त वर्ष में इसके 7.5 फीसद रहने का अनुमान है। राजन ने कहा कि मुक्त बाजारों के लिए समाज के समर्थन और आबादी के बीच संपत्ति व अवसर के वितरण की निष्पक्षता के बीच मजबूत संबंध है।

उन्होंने कहा कि आज देशों के बीच असमानता घट रही है लेकिन देश के भीतर यह बढ़ रही है। ऐसा लगता है कि अच्छी बाजार अर्थव्यवस्थाएं भी उनका समर्थन कर रही हैं जिनके पास पहले से पर्याप्त मात्रा में चीजें हैं। वह अनुभव करते हैं कि अच्छी पगार वाली नौकरी में कौशल और क्षमता महत्त्वपूर्ण है। जिनका जन्म अच्छे माहौल में हुआ है, उनके पास उसे हासिल करने के अच्छे मौके हैं। गवर्नर ने कहा कि आय असमानता बढ़ रही है। कुछ के पास अपार आय है तो अन्य अगले दिन के भोजन के लिए चिंतित हैं।

छात्रों को शिक्षा कर्ज को लेकर आगाह करते हुए कहा कि उन्हें ठगने वाले स्कूलों के झांसे में नहीं आना चाहिए। ये स्कूल उन्हें कर्ज के बोझ में डुबा देंगे और डिग्री भी ऐसी देंगे जो किसी काम की नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के शोध विश्वविद्यालयों में निकट भविष्य में शिक्षा महंगी होगी। उन्होंने कहा कि सभी योग्य छात्रों के लिए डिग्री लेना सस्ता करने के प्रयास किए जाने चाहिए। राजन ने कहा कि इसका एक समाधान शिक्षा कर्ज है। लेकिन हमें इसको लेकर सतर्क रहना चाहिए कि जिन छात्रों के पास साधन हैं, वे पूरे कर्ज का भुगतान करें जबकि जिन छात्रों की स्थिति ठीक नहीं है या जिन्हें कम वेतन वाली नौकरी मिली है उनके आंशिक कर्ज को माफ किया जाना चाहिए।