कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करना किसानों को आत्महत्या से रोकने के लिए एकमात्र समाधान नहीं है। सरकार ने खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के हल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को हाल ही में मंजूरी दी है जो इस तरह की सबसे बड़ी योजना है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करना किसानों को आत्महत्या से रोकने के लिए एकमात्र समाधान नहीं है। सरकार को विश्वास है कि किसानों की हालत में उस समय सुधार होगा जब फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के साथ साथ खेती से शुद्ध आय में वृद्धि होगी। इस बात को ध्यान में रख कर अधिक उत्पादकता प्राप्त करने के अलावा सरकार का प्रयास खेती की लागत को कम करना तथा किसानों को उनके उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने का है। इस क्रम में ई-बाजार और राष्ट्रीय कृषि मंडी की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने उत्पादकता बढ़ाए जाने के लिए विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड का ठीक से पालन करने पर 15 से 20 प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने इस क्रम में नीम कोटेड यूरिया को बढ़ावा देने, परंपरागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि का जिक्र किया। इस साल सूखे के बावजूद वैज्ञानिकों, कृषि विश्वविद्यालयों और राज्यों के सहयोग से ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है। इस साल दूसरे अनुमान में कहा गया कि सूखे के बावजूद ज्यादा उत्पादन होगा।
राधामोहन सिंह ने कहा कि वैज्ञानिकों ने विभिन्न फसलों की कई नई किस्में विकसित की हैं जो उच्च पैदावार वाली और सूखारोधी हैं। काफी समय से लंबित पड़ी 89 बड़ी परियोजनाओं में से 23 को पूरा करने पर सरकार जोर दे रही है और इसके लिए खासी राशि मंजूर की गई है। उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही सरकार ने मिशन मोड में जैविक खेती शुरू की है।
10 उवर्रक संयंत्र बंद : रसायन एवं उवर्रक राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने सवाल के जवाब में बताया कि वर्तमान में 10 उर्वरक संयंत्र बंद पड़े हैं। इन 10 संयंत्रों में पांच सिंदरी, गोरखपुर, तलचर, रामागुंडम और कोरबा फर्टिलाइजर कार्पोरेशन आफ इंडिया लि. के संयंत्र हैंं। तीन संयंत्र हल्दिया, दुर्गापुर और बरौनी हिन्दुस्तान फर्टिलाइजर कार्पोरेशन लि. के संयंत्र हैं। उन्होंने कुछ संयंत्रों के पुनरूद्धार किए जाने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए बताया कि रामागुंडम इकाई के सितंबर 2018 तक चालू होने की संभावना है। रामागुंडम, गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी संयंत्र गैस आधारित होंगे जबकि तलचर संयंत्र कोयला आधारित होगा।