पंजाब की आप सरकार में मंत्री हरजोत बैंस ने कुछ दिन पहले विधानसभा में खुलासा किया था कि माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को कैप्टन सरकार में वीआईपी की तरह जेल में रखा गया। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अंसारी की पत्नी भी जेल में उसके साथ रहती थी। इस मामले पर चल रहे इंटरव्यू में बैंस ने बताया कि अंसारी को एक फेक एफआईआर के तहत पंजाब लाया गया था।

अंसारी का केस लड़ने के लिए हायर किए गए सीनियर एडवोकेट
बैंस पंजाब सरकार में जेल विभाग देखते हैं, तो उनके पास एक फाइल आई, जिसमें एक नामी वकील का बिल पेंडिंग था। बैंस ने बताया कि यह देखकर मेरा दिमाग ठनका कि इतने बड़े वकील से कौन सा केस लड़वाया गया। तब उन्होंने प्रारंभिक जांच करवाई, जिसमें इस बात का पता चला कि मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल में रखा गया था, उसके खिलाफ मोहाली में एक एफआईआर करवाई गई थी।

वहीं, जब यूपी की अलग-अलग कचहरियों से अंसारी के खिलाफ नोटिस भेजने के बावजूद भी उसे रोपड़ जेल से शिफ्ट नहीं किया गया तो, उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। बैंस ने बताया कि इस केस को लड़ने के लिए ही इस नामी वकील को हायर किया गया, जिसका 45-55 लाख का बिल पेंडिंग है। हालांकि फाइल में पंजाब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने दावा किया कि वकील को सिर्फ 4 लाख रुपए ही देने हैं।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद रोपड़ जेल से अंसारी को किया गया शिफ्ट
हरजोत बैंस का कहना है कि मोहाली में जो एफआईआर अंसारी के खिलाफ दर्ज की गई थी, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आप मंत्री का कहना है कि ऐसी स्थिति में अंसारी के पास 90 दिन में अपने आप जमानत लेने का हक था, लेकिन उन्होंने जमानत नहीं ली। अंसारी को रोपड़ जेल से शिफ्ट नहीं किया गया। इसके बाद यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, तब अंसारी को वहां से शिफ्ट किया गया।

अंसारी के परिवार के पास था जेल में जाने का फ्री एक्सेस
बैंस ने यह भी खुलासा किया कि अंसारी को रोपड़ जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था, दो बैरक उसके लिए खाली करवाई गईं, उसके परिवार वालों को जेल में आने-जाने का एक्सेस था। उन्होंने कहा, “मुझे पता चला कि रोपड़ जेल में दो बैरक जिनमें 25-25 कैदी आ सकते थे, उन्हें खाली करवाया गया। वो अंसारी के लिए छोड़ दी गईं, वहां जिससे चाहें वो मिलते थे। उनका सारा परिवार रोपड़ में रहता था, उन्हें फ्री एक्सेस था, उनकी वाईफ सुबह आती थीं और देर रात तक रुकती थीं और सुबह निकल जाती थीं। यहां ये साबित हो जाता है कि अंसारी को यहां लाने के लिए फेक एफआईआर की गई।”