कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार (14 मई, 2022) को यह ऐलान एक फेसबुक लाइव के दौरान किया। जाखड़ ने अपने संबोधन के दौरान पार्टी को आगे के लिए शुभकामना संदेश देते हुए “गुडलक” और “गुडबाय” भी कहा। नवजोत सिंह सिद्धू ने जाखड़ के इस्तीफे पर ट्वीट करते हुए मतभेद सुलझाने की बात कही है।

जाखड़ की यह कदम ऐसे वक्त पर आया है, जब कांग्रेस पार्टी नेतृत्व, अस्तित्व और अंदरूनी कलह के तिहरे मोर्चे पर जूझ रही है। पार्टी इन संकटों से उबरने के लिए राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर से भी गुजर रही है। राजनीतिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चिंतन शिविर कार्यक्रम के बीच जाखड़ का इस्तीफा कांग्रेस की चिंता बढ़ाने वाला घटनाक्रम है।

सुनील जाखड़ के इस्तीफे पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया है। सिद्धू ने मतभेदों को बातचीत से खत्म करने की वकालत की है। सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा, “कांग्रेस को सुनील जाखड़ को नहीं खोना चाहिए। किसी भी प्रकार के मतभेद को बातचीत से हल किया जा सकता है।” 2017 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जाखड़ को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। जाखड़ लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।

सोमवार को ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने सुनील जाखड़ को कारण बताओ नोटिस दिया था। ये नोटिस जाखड़ को पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ की गई टिप्पणियों और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ दिए गए बयानों के लिए दिया गया था। हालांकि बिना नोटिस का जवाब दिए ही सुनील जाखड़ ने पार्टी को अलविदा कह दिया है।

बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद सुनील जाखड़ ने चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी के लिए बोझ बताया था और उन नेताओं पर भी निशाना साधा था, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए चन्नी के नाम का समर्थन किया था। माना जाता है कि कैप्टेन अमरिंदर सिंह के बाद सुनील जाखड़ सीएम पद की पहली पसंद थे।