पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया। दरअसल पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के साथ काम करने वाले एक टेक्नोक्रेट राजिंदर सिंह द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर गिरफ्तार किया गया। सिंगला पर आरोप है कि वो ठेके दिलवाने के बदले 1% कमिशन की मांग करते थे।
कौन हैं राजिंदर सिंह: 57 वर्षीय राजिंदर सिंह वर्तमान में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ काम कर रहे एक अधीक्षण अभियंता हैं। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और वह हाउसफेड विभाग से पंजाब स्वास्थ्य प्रणाली निगम में प्रतिनियुक्ति पर हैं। राजिंदर सिंह पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन में सभी सिविल कार्यों का ध्यान रखते हैं। ये एक ऐसी एजेंसी है जिसे राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सभी सिविल कार्यों और चिकित्सा खरीद से संबंधित कार्य करती है।
6 महीने पहले हुए थे प्रोमोट: राजिंदर सिंह को लगभग छह महीने पहले प्रोमोट किया गया था। तब से वह ठेकेदारों को भुगतान जारी करने के लिए हस्ताक्षरकर्ता रहे हैं। यानी बिना उनके हस्ताक्षर के ठेकेदारों को भुगतान नहीं होता। नियमानुसार विभाग के एसडीओ टेंडर आवंटित होने के बाद माप पुस्तिका में रिपोर्ट दर्ज करते हैं। अधीक्षण अभियंता पुस्तक की जांच करता है और भुगतान अधीक्षण अभियंता की मंजूरी के बाद जारी किया जाता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ विजय सिंगला के मामले में उन्होंने 41 करोड़ रुपये के कार्यों का आवंटन किया था और 17 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया था। राजिंदर सिंह ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि मंत्री ने 1.16 करोड़ रुपये (दो प्रतिशत हिस्सा) की मांग की थी। उनका दावा है कि सौदा आखिरकार 5 लाख रुपये में तय हुआ था। राजिंदर सिंह इसी साल नवंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके सहयोगी उन्हें एक लो प्रोफाइल इंजीनियर के रूप में जानते हैं। यह किसी को पता नहीं है कि उन्होंने किसी के खिलाफ कब शिकायत की थी। अपने विभाग के मंत्री पर उनके इस स्टिंग ने सभी को हैरान कर दिया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा मंत्री को बर्खास्त करने के कदम की सराहना आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी की और कहा कि भगवंत मान की ईमानदारी देख उनके आंखों में आंसू आ गए।