शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने जब आजादी की लड़ाई लड़ी तो उनका फलसफा था कि इश्क करना सभी का पैदायशी हक है, क्यूं न इस बार वतन की सरजमीं को महबूब बना लिया जाए। बेशक भगत सिंह को अंग्रेज सरकार ने सूली पर चढ़ाकर उनकी सांसें रोक दीं। लेकिन उनके फलसफे को फैलने से वो नहीं रोक सके। आम आदमी पार्टी के पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भगत सिंह के गांव में जाकर शपथ ली तो उन्हें अनोखे तरीके से याद किया और लोगों को फलसफे का मतलब समझाया।
भगवंत ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के सभी लोगों की है। इनमें वो भी शामिल हैं जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया था। हम पहली दफा शहीद के गांव में आए हैं लेकिन भगत सिंह को रोजाना याद किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर करके आजादी की जो अलख जगाई उसका ही परिणाम है कि हम आज आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। मान ने कहा कि आज से ही काम करना शुरू कर देते हैं। पहले ही 70 साल की देर हो चुकी है। अब हमने और देर की तो बहुत ज्यादा गलत होगा।
भगवंत मान का शपथ ग्रहण समारोह 12.30 बजे होना था लेकिन देरी हुई और ये 1.25 बजे शुरू हो सका। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद खटखड़कलां में मौजूद रहे। मान को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने शपथ दिलाई। मान ने पंजाब के सभी लोगों को समारोह में आमंत्रित किया था। उनका तर्क था कि उनके साथ 3 करोड़ लोग भी शपथ लेंगे।
शपथ ग्रहण में मशहूर गायक गुरदास मान, करमजीत अनमोल, कांग्रेस सांसद मोहम्मद सिद्दकी, अमर नूरी मौजूद रहे। मान ने लोगों से अपील की थी कि वो बसंती रंग की पगड़ी पहनकर समारोह में आएं। उनका तर्क था कि भगत सिंह के पसंदीदा रंग को पहनकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। शपथ लेने के बाद मान का कहना था कि तमाम समस्याओं का निराकरण होगा। पंजाब को खुशहाल बनाना की उनका एकमात्र ध्येय है।