प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भूपेंद्र सिंह हनी के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। भूपेंद्र सिंह हनी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे हैं। ईडी ने चार्जशीट अवैध रेत खनन के मामले में दर्ज की है। प्रवर्तन निदेशालय ने 18 जनवरी को भूपेंद्र सिंह के आवास पर छापा मारा था, जिसमें 10 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति बरामद की गई थी। 3 फरवरी की रात को ईडी ने भूपेंद्र सिंह हनी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध), धारा 4 (मनी लॉन्ड्रिंग के लिए सजा), 44 (विशेष अदालतों द्वारा विचारणीय अपराध) और 45 (गैर-जमानती अपराध) का आरोप लगाया है। चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह ​​हनी और उसके सहयोगी कुदरतदीप सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय ने एक अन्य व्यक्ति का नाम भी चार्जशीट में डाला है और पीएमएलए कानून के तहत उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। 6 अप्रैल को विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई होगी। ईडी ने भूपेंद्र सिंह हनी के करीबियों के घरों पर भी छापेमारी की थी, जिसमें कुदरतदीप सिंह का नाम भी नाम शामिल था। कुदरतदीप सिंह का नाम भी चार्जशीट में डाला गया है।

ईडी ने शहीद भगत सिंह नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 379, 420, 465, 467, 468 और 471 और धारा 21(1) और 4 के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। एफआईआर में कहा गया था कि अवैध बालू के संबंध में शहीद भगत सिंह नगर थाने में प्राप्त एक शिकायत के आधार पर खनन विभाग, नागरिक प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने 7 मार्च 2018 को औचक निरीक्षण किया था।

बता दें कि जब चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपेन्द्र सिंह के आवास पर छापेमारी की गई थी और उन्हें गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में ये एक बड़ा मुद्दा भी बना था। चन्नी के राजनीतिक विरोधियों ने ही नहीं बल्कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इसको लेकर असंतोष जाहिर किया था। चुनाव प्रचार के दौरान अकाली दल के नेता विक्रमजीत सिंह मजीठिया ने कहा था कि चन्नी के भतीजे पर ईडी के छापे सही है और यह दिखाता है कि कांग्रेस के शासन में खूब भ्रष्टाचार हुआ है।