तजिंदर पाल बग्गा मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। उसके साथ ही पंजाब सरकार की मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। तजिंदर बग्गा के पिता पर हमले और बग्गा को कथित तौर पर उनकी पगड़ी ना पहनने देने के आरोपों पर अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने 7 दिन के अंदर पंजाब के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने स्वतः ही इस मामले को संज्ञान में लिया है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को स्वतः संज्ञान में लिया गया है जिसमें यह बताया गया कि 6 मई को गिरफ्तारी के वक्त कथित तौर पर तजिंदर बग्गा को उनकी पगड़ी पहनने की इजाजत नहीं दी गई। यह एक गंभीर आरोप है और सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों का हनन है।”
पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। इसके लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब सरकार को 7 दिन का समय दिया है। यानी 14 मई तक पंजाब सरकार को यह रिपोर्ट राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को सौंपनी होगी। रिपोर्ट को देखने के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग आगे की कार्यवाही करेगा।
बता दें कि बीजेपी नेता तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने उनके घर से 6 मई को सुबह गिरफ्तार किया था। अरविंद केजरीवाल को लेकर बग्गा ने ट्वीट किया था जिसको लेकर आम आदमी पार्टी ने मुकदमा दर्ज कराया था और केजरीवाल को धमकी देने का आरोप लगाया था। हालांकि गिरफ्तारी के बाद रास्ते में हरियाणा पुलिस ने तजिंदर बग्गा और पुलिस को रोक लिया और उसके बाद बग्गा को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया।
6 मई को ही रात को हरियाणा कोर्ट में बग्गा के मामले की सुनवाई हुई में बग्गा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई। जिसके बाद मोहाली कोर्ट ने शनिवार को फिर से पंजाब पुलिस को बग्गा को गिरफ्तार करने के लिए कहा, लेकिन शनिवार देर रात हरियाणा कोर्ट ने एक बार फिर से बग्गा की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। मामले को लेकर अगली सुनवाई 10 मई को होगी।