भाजपा नेताओं को शनिवार (20 जुलाई, 2019) को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। दरअसल पार्टी सदस्यता अभियान के तहत नेताओं ने एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को भाजपा में शामिल करा लिया, हालांकि बाद में रिटायर्ड अधिकारी के अतीत की जानकारी मिलने के बाद पार्टी से बाहर कर दिया गया।
बता दें कि भाजपा के पार्टी सदस्यता अभियान के तहत पंजाब भाजपा इकाई के अध्यक्ष श्वेत मलिक, केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डॉक्टर स्वर्ण सिंह को पार्टी में शामिल करा लिया गया। हालांकि बाद में जब मीडिया में रिटायर्ड अधिकारी के अतीत को लेकर सवाल उठाए गए तब पार्टी ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी।
पूर्व में जालंधर डिविजन के कमिश्नर और पंजाब आर्ट काउंसिल (PAaC) के चेरयमैन रह चुके डॉक्टर स्वर्ण सिंह और तीन अन्य लोगों के खिलाफ दो निजी फर्म द्वारा एक करोड़ रुपए के गबन का आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। ये केस मार्च 2011 में दर्ज हुआ और सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120B और प्रिवेंशन करप्शन एक्ट की धारा 13(1)D13(2) के तहत केस दर्ज किया गया।
इसके बाद स्वर्ण सिंह ने मई 2012 में नवांशहर की एक अदालत में सरेंडर कर दिया और जब उन्हें मामले में जमानत नहीं मिली तो न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इसके अलावा उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी तलब किया था, जिसमें उनकी अमृतसर की संपत्ति को लेकर सवाल खड़े हुए थे। गौरतलब है कि मामले में स्वर्ण सिंह और भाजपा नेता मलिक की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
हालांकि भाजपा जिला अध्यक्ष रमन रुबि ने पुष्टि की स्वर्ग सिंह को पार्टी में शामिल करा लिया गया था हालांकि उनकी सदस्यता प्रदेश इकाई के भाजपा अध्यक्ष के निर्देश के बाद रद्द कर दी गई। उन्होंने कहा कि स्वर्ग सिंह की सदस्यता अभी तक बहाल नहीं की गई है।