लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में बीजेपी अपनी ज़मीन तलाशने की पूरी कोशिश कर रही है। इस दौरान खासतौर पर बीजेपी ने प्रदेश के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह की बेटी जय इंदर कौर को 19 सदस्यीय राज्य चुनाव समिति में शामिल किया है। वह पंजाब भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने जय इंदर कौर से विशेष बातचीत की है।
राजनीति में इतनी देर से क्यों कदम रखा?
जब जय इंदर कौर से पूछा गया गया कि उनके माता-पिता के दशकों तक सक्रिय राजनीति में रहने के बावजूद वह क्यों इतनी देर से राजनीति में आयीं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा—मैं 1998 से अपने माता-पिता को उनके चुनावी अभियानों में मदद कर रही हूं, लेकिन मैं कभी कांग्रेस की सदस्य नहीं थी। जब मेरे पिता 2017 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने, तो मैंने अपने गृहनगर -पटियाला के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में उनकी मदद करने की इच्छा ज़ाहिर की। हालाँकि मैं कभी भी राजनीति या उनके आधिकारिक काम में शामिल नहीं थी, फिर भी मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए कि मेरे पिता के कार्यकाल के दौरान किए गए वादे पूरे हों, पटियाला में काम किया। तभी मुझे एहसास हुआ कि बहुत कुछ करने की ज़रूरत है और मैं अपने माता-पिता के साथ सार्वजनिक कार्यों में ज़ोर-शोर से शामिल हो गई। कांग्रेस छोड़ने के बाद, जब मेरे पिता ने अपनी पार्टी, पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) बनाई, तो मैंने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान उनके लिए प्रचार किया। तभी मैंने सोचा कि मुझे सक्रिय राजनीति में आना चाहिए।
आपके पिता को कांग्रस के सीएम पद से हटाए जाने को आप कैसे देखती हैं?
इस सवाल के जवाब में वह कहती हैं—इससे हमें बहुत दुख हुआ। कांग्रेस को ऐसा नहीं करना चाहिए था। मेरे पिता जी ने दो महीने पहले ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कहा था कि ‘अगर आप मेरे काम करने के तरीके से खुश नहीं हैं तो मैं इस्तीफा दे सकता हूं।’ लेकिन कहा गया– नहीं तुम्हें हमारे लिए चुनाव लड़ना होगा।’ जिस तरह से कांग्रेस ने यह किया वह बिल्कुल भी अच्छा नहीं था। इससे मुझे बहुत दुख हुआ, पूरा परिवार बहुत आहत हुआ। उन्होंने कांग्रेस को इतने साल दिये। आप इस तरह के लोगों को त्याग नहीं सकते। वह दो बार के मुख्यमंत्री थे जिन्होंने पार्टी और पंजाब के लोगों के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन गांधी परिवार ने कभी भी उन्हें किसी भी चीज़ के लिए धन्यवाद नहीं दिया। मेरी मां अभी भी पटियाला से कांग्रेस सांसद हैं और उन्होंने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। मुझे अब एहसास हुआ है कि भाजपा के साथ काम करना अच्छा है। मैं कभी भी कांग्रेस का हिस्सा नहीं थी।
क्या आप लोकसभा चुनाव लड़ेंगी?
वह कहती हैं–नहीं, मेरी मां (परनीत कौर) पटियाला से चुनाव लड़ेंगी। वह जल्द ही आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगी। मेरी बारी शायद अगले 2-3 साल बाद आएगी। मां पहले से ही निर्वाचन क्षेत्र में काम कर रही हैं, चार बार की सांसद हैं और अभी भी बहुत सक्रिय हैं।