दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पंजाब की भगवंत मान की सरकार की ओर से अतिरिक्त महत्व देने और उनको अतिरिक्त सुरक्षा कवर देने को लेकर कांग्रेस नेता के दावे को पंजाब सरकार की ओर गलत बताया गया है। इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
पंजाब पुलिस ने कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा के उस दावे का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पंजाब सरकार द्वारा “जेड प्लस सुरक्षा” दी गई थी। अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष खैरा ने संरक्षित व्यक्तियों की एक सूची का हवाला दिया, लेकिन पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया के एक हिस्से में प्रसारित दस्तावेज़ पंजाब सरकार का आधिकारिक दस्तावेज नहीं है।
पंजाब पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि दावा करते समय खैरा ने जिस दस्तावेज का संदर्भ दिया है, वह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी द्वारा दायर एक रिट याचिका एक हिस्सा है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस नेता द्वारा उद्धृत दस्तावेज पंजाब पुलिस के आधिकारिक दस्तावेज नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह एक टाइप किया हुआ दस्तावेज़ है और दस्तावेज़ में कहीं भी कोई हस्ताक्षर, इनीशियल, आधिकारिक स्टांप या आधिकारिक प्रमाणीकरण नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह सूची याचिकाकर्ता द्वारा टाइप की गई है और रिट याचिका से जुड़ी है।”
कांग्रेस नेता ने इस बात पर सवाल उठाया था कि जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्र से पहले ही जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है, तब पंजाब सरकार द्वारा उनको शीर्ष सुरक्षा कवर देने की क्या जरूरत है। चंडीगढ़ में मीडिया को संबोधित करते हुए, खैरा ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल को पंजाब पुलिस का जेड-प्लस सुरक्षा कवर दिया गया है।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि पंजाब पुलिस के कमांडो पंजाब के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास दिल्ली के कपूरथला हाउस में तैनात हैं। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य सरकार द्वारा आप के राष्ट्रीय संयोजक को प्रदान की गई सुरक्षा वापस लें। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गई हैं।