Punjab News: पंजाब के फिरोजपुर जिले के किसान अमृतपाल सिंह गलती से पाकिस्तान चले गए थे। उनको पड़ोसी देश की एक कोर्ट ने एक महीने कैद की सजा सुनाई है। उनके पिता जुगराज सिंह ने इस बात की जानकारी शनिवार को दी। जुगराज सिंह ने केंद्र और पंजाब सरकार से अपने बेटे को भारत वापस लाने के लिए सही कदम उठाने का आग्रह किया।
बता दें कि फिरोजपुर जिले के खैरे के उत्तर गांव के रहने वाले अमृतपाल 21 जून को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर उस समय लापता हो गए थे, जब वह बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की निगरानी में बीओपी राणा के पास कांटेदार बाड़ के पार मौजूद अपने खेत की देखभाल करने गए थे। शाम 5 बजे के आसपास गेट बंद होने के तय समय से पहले वह वापस नहीं लौटा। अमृतपाल शादीशुदा है और उसकी एक बेटी भी है। सीमा पर बाड़ के उस पार भारतीय सीमा में लगभग 8.5 एकड़ जमीन का मालिक है।
अनजाने में बॉर्डर पार किया
बाद में बीएसएफ कर्मियों को पाकिस्तान की तरफ जाते हुए ह्यूमन फिंगरप्रिंट के निशान मिले। इससे अनजाने में बॉर्डर पार करने की संभावना बढ़ गई। 27 जून को पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ अधिकारियों को पुष्टि की कि अमृतपाल स्थानीय पाकिस्तानी पुलिस की हिरासत में है। अमृतपाल के पिता जुगराज ने शनिवार को बताया कि उन्हें पता चला कि उनके बेटे के खिलाफ पाकिस्तान में मामला दर्ज किया गया है और 28 जुलाई को उसे एक महीने की कैद की सजा सुनाई गई।
पाकिस्तान से तनाव के बीच बीएसएफ जवान की वापसी
50000 हजार रुपये का जुर्मान लगा
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद एक वकील ने उन्हें कोर्ट के आदेश की कॉपी भेजी है। इसके मुताबिक, अमृतपाल पर विदेशी अधिनियम 1946 के तहत आरोप लगाए गए हैं। उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। भुगतान न करने पर उसे 15 दिन की ज्यादा सजा काटनी होगी। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को उसकी सजा पूरी होने के बाद उसके प्रत्यर्पण की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है।
अमृतपाल को एक साल की जेल की सजा
अमृतपाल ने अपने परिवार से बात की और बताया कि वह ठीक है और फिलहाल जेल में है। उसके पिता ने सरकार से आग्रह किया कि वह उसके बेटे को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए उचित कदम उठाए। अमृतपाल उस दोपहर अपनी बाइक पर निकला था, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटा। बीएसएफ ने उसकी तलाश में शाम ढलने से पहले तलाशी गेट भी फिर से खोल दिया, लेकिन वह नहीं मिला। गर्मियों के महीनों में, किसानों को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक बीएसएफ की कड़ी निगरानी में कंटीले तारों की बाड़ और इंटरनेशनल बॉर्डर के बीच की जमीन पर जाने की इजाजत होती है। परिवार ने केंद्र सरकार से लगाई गुहार