पंजाब सरकार में किसानों के मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में जारी कलह सतह पर आ गई है। तल्खी इस कदर बढ़ गई कि पार्टी के राज्यसभा सदस्य प्रताप बाजवा ने अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार के खिलाफ धरना देने की धमकी दे डाली। बाजवा गन्ना उत्पादक किसानों के बकाया राशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही भुगतान में देरी के एवज में ब्याज देने की भी मांग की है। कांग्रेस सांसद ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की अपील की है, ताकि किसानों को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े। उन्होंने चीनी मिल मालिकों पर गन्ने की पेराई शुरू करने के लिए दबाव बनाने का भी अनुरोध किया है। बता दें कि पंजाब में भी गन्ना किसानों को समय पर भुगतान न मिलने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। समय पर गन्ने की पेराई शुरू न होने के कारण किसानों का भुगतान भी आगे खिसकता जाता है। समय पर गन्ने की कीमत न मिलने के कारण किसानों को अगले फसल की तैयारी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
हाई कोर्ट जाने की चेतावनी: कांग्रेस सांसद ने गन्ना किसानों का भुगतान समय पर न होने की स्थिति में हाई कोर्ट जाने तक की धमकी दे डाली है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वह किसानों का भुगतान कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बाजवा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को सलाह भी दी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में होने वाले चुनावों को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का हाथ मजबूत करना चाहिए।
सभी दलों के नेताओं के हैं चीनी मिल: पंजाब में निजी चीनी मिलों में अधिकांश नेताओं के हैं। इसमें सत्तारूढ़ से लेकर विपक्षी दल भी शामिल हैं। निजी मिल मालिकों ने भी पंजाब सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं। मिल मालिक राज्य सरकार से प्रति क्विंटल 35 रुपये की सब्सिडी देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सब्सिडी मिलने के बाद ही वह गन्ने की खरीद और पेराई शुरू करेंगे। मिल मालिकों की इस मांग पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।