पंजाब सरकार ने नवजोत सिंह सिद्धू की एक मांग को मंजूरी दे दी है। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बेअदबी और फायरिंग मामले के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉस्टीक्यूटर तैनात करने का आदेश दिया है।
राज्य सरकार ने इस निर्णय पर जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने बेअदबी और फायरिंग की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजविंदर सिंह बैंस को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने की मंजूरी दी है।
उम्मीद की जा रही है कि इस निर्णय से सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी विवाद सुलझ सकता है। सिद्धू इसकी डिमांड काफी समय से कर रहे थे।
Punjab Govt gives nod to appoint senior advocate of Punjab & Haryana High Court, Rajwinder Singh Bains as Special Public Prosecutor in order to set the ball rolling to ensure speedy justice in unfortunate sacrilege and firing incidents: State Govt
— ANI (@ANI) October 1, 2021
2015 में पंजाब के फरीदकोट में सिख धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी और उसके बाद पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी। 2018 में, इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे दी गई थी। हालांकि, विधानसभा ने एजेंसी से अनुमति वापस ले ली और कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य पुलिस से एक एसआईटी का गठन किया था।
बता दें कि कुछ दिनों पहले कैप्टन और सिद्धू के बीच इसी मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा विवाद था। इस मामले को लेकर बात काफी बढ़ गई थी। इसके साथ ही कई और मुद्दों को लेकर भी दोनों के बीच टकराव चलता रहा। इस टकराव को कांग्रेस अलाकमान भी खत्म नहीं कर पाई और सिद्धू-कैप्टन विवाद तब खत्म हुआ, जब अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
कैप्टन के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद ऐसा लगा कि अब पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन इस्तीफे के बाद जहां कैप्टन ने बागी तेवर अपना लिया। वहीं दूसरी ओर सिद्धू का चन्नी से भी विवाद शुरू हो गया। बेअदबी के साथ-साथ कुछ और मामले पर चन्नी से नाराज सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया और राज्य स्तर पर ही मामले सुलाझने के लिए कहा था। जिसके बाद आज चन्नी सरकार ने बेअदबी मामले पर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की नियुक्ति कर इस विवाद को खत्म करने की कोशिश की है।
