पंजाब में राज्य सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तल्खी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। सिद्धू अपने बिजली मंत्रालय का प्रभार लेने ही नहीं पहुंचे। इसके बजाय क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने दिल्ली का रुख किया। दिल्ली में वह पार्टी हाईकमान से मुलाकात करेंगे।

हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अभी केरल में वायनाड के दौरे पर हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि नवजोत सिद्धू कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच तल्खी इतनी बढ़ गई कि सीएम ने सिद्धू का मंत्रालय ही बदल दिया।

इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू 6 जून को हुई कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल वीवी सिंह बदनौर को एक चिट्ठी लिख कुछ मंत्रियों के विभागों में किए बदलाव की मंजूरी की मांग की थी। जिन मंत्रियों के मंत्रालय में बदलाव किया गया था उसमें नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल थे।

सिद्धू से स्थानीय निकाय व शहरी विकास मंत्रालय का प्रभाव लेकर बिजली विभाग सौंपा गया। खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री ने शिक्षा, ऊर्जा, शहरी विकास, पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग में बदलाव किया। इससे पहले सीएम ने कांग्रेस के शहरी इलाकों में खराब प्रदर्शन के लिए सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया था।

वहीं, सिद्धू का कहना था कि पार्टी की हार के लिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराने की बजाय सामूहिक जिम्मेदारी तय की जाए। सिद्धू ने कहा कि उन्हें ‘8-9 लोगों के समूह’ की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन की बात पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष उठाने की बात कही थी।

इससे पहले सिद्धू ने विश्वास की कमी का हवाला देते हुए कैबिनेट मीटिंग से किनारा कर लिया था। सिद्धू का कहना था कि अगर सीएम को मुझ पर भरोसा ही नहीं है तो मुझे क्यों बैठक में शामिल होना चाहिए? सिद्धू ने अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा था कि पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है।