कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल भाजपा के पंजाब युवा मोर्चा के महासचिव बरिंदर सिंह संधू ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कृषि कानूनों के विरोध में संधू ने यह इस्तीफा दिया है। बता दें कि बरिंदर सिंह संधू से पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कोर कमेटी सदस्य मलविंदर कंग ने भी भाजपा छोड़ दी थी।

अपने इस्तीफे में बरिंदर सिंह संधू ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार पंजाब को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए कठोर कदम उठा रही है। पंजाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा और भाजपा युवा मोर्चा के पंजाब अध्यक्ष भानू प्रताप राणा को भेजे अपने इस्तीफे में संधू ने लिखा कि मौजूदा समय में किसान संगठन, आढती, छोटे व्यापारी और मजदूर वर्ग केन्द्र द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ लड़ रहा है। ऐसे में वह परिस्थिति को देखते हुए पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।

संधू ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि पंजाब के खिलाफ गलत कदम उठाए हैं और कृषि कानूनों के जरिए प्रदेश की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने की कोशिश की है। सरकार ने राज्य में मालगाड़ियों का आवाजाही को रोक दिया है और साथ ही पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ भी पांच साल की जेल और एक करोड़ रुपए जुर्माने जैसे सख्त कदम उठाए हैं।

बरिंदर सिंह संधू ने लिखा है कि “भाजपा सरकार पंजाब के खिलाफ कदम उठा रही है और पंजाब का बेटा होने के नाते मैंने पार्टी से ऊपर उठकर किसानों के साथ खड़े होने का फैसला किया है।”

बता दें कि कृषि कानून का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में ही हुआ है। कृषि कानूनों के चलते ही एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से अपना कई सालों पुराना रिश्ता तोड़ लिया। हालांकि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह केन्द्र के इन कानूनों के प्रभाव को खत्म करने के लिए नए बिल लेकर आए हैं। जिन पर जल्द ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही वह कानून बन जाएंगे।