पंजाब में भाजपा विधायक अरुण नारंग की पिटाई के मामले में राजनीति गरमा गई है। राज्य में भाजपा नेताओं ने इस घटना के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से इस्तीफे की मांग की है। साथ ही कानून व्यवस्था पर चिंता भी जताई है। इस मामले पर अब तक जहां कांग्रेस के बड़े नेता बोलने से बच रहे हैं, वहीं पार्टी की ही एक नेता अर्चना डालमिया ने जनता के चुने हुए प्रतिनिधि के पीटे जाने का समर्थन करते हुए इसे कूटनीति करार दे दिया।

क्या कहा कांग्रेस नेता ने?: कांग्रेस के ग्रीवांस सेल की अध्यक्ष और नेता अर्चना डालमिया ने इस मामले पर दो ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “BJP MLA को किसानों ने भरी बाजार में नँगा कर दिया। इसे कहते है कूटनीति!” अगले ही ट्वीट में उन्होंने लिखा, “किसान आंदोलन की शुरुआत पंजाब से हुई थी और आज शुरुआत लठ मारो पंजाब से हुई है यह भी धीरे-धीरे पूरे देश में फैलेगी।”

ट्विटर पर लोगों ने जताया गुस्सा: भाजपा विधायक के साथ हुई इस घटना का माखौल उड़ाए जाने पर ट्विटर यूजर्स भड़क गए। कई लोगों ने अर्चना डालमिया के असंवेदनशील ट्वीट के लिए उन पर निशाना साधा। सौरभ सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, “अच्छी शुरुआत है, अब विरोधियों के पास भी मौका है लट्ठ चलाने का क्योंकि अब ये सब कांग्रेसियों ने जायज ठहरा दिया है।”

वहीं एक अन्य यूजर @Himansh74918754 ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ हुई हिंसा की घटनाओं पर कहा, “जो कल तक बिहार में हुई पिटाई पर रो रहे थे वो आज खुशी मना रहे है इसे ही दोगलापन कहते हैं।” वसीम अख्तर नाम के एक व्यक्ति ने लिखा, “हिंसा किसी भी मामले में वैध नहीं है। एक चुने हुए प्रतिनिधि के साथ ऐसा काम दुखद और चिंताजनक है।”


MLA का आरोप- मारे गए लात-घूंसे, एफआईआर दर्ज: सोशल मीडिया पर नारंग की पिटाई से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया। इसमें विधायक को फटे कपड़ों में पुलिस सुरक्षित जगह ले गई। नारंग ने बाद में समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कुछ लोगों द्वारा उन्हें ‘‘घूसे मारे’’ गए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत घूंसे मारे गए और मेरे कपड़े भी फाड़ दिए गए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज कराई है, नारंग ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व से बात करेंगे। हालांकि, इस मसले पर रविवार को मलोत पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर ली गई।