Obesity: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी है कि वह एक मोटा व्यक्ति है, जिसका वजन 153 किलोग्राम है और इसलिए उसकी परेशानियों को देखते हुए अपवाद के तौर पर उसे जमानत दे दी गई है। मनी लॉन्ड्रिंग के इस आरोपी पर 2002 की धारा 45 (1) में मामला दर्ज है। पीएमएल अधिनियम की धारा 45 (1) कहती है कि किसी व्यक्ति को अधिनियम के तहत किसी अपराध के लिए जमानत या बांड पर रिहा करने से पहले, पब्लिक प्रोस्यूक्यूटर को शुरू में जमानत आवेदन का विरोध करने का अवसर दिया जाना चाहिए।

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दूसरा, जब आवेदन का विरोध किया जाता है, तो अदालत को इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोपी अपराध का दोषी नहीं है और जमानत पर रहते हुए कोई अपराध करने की संभावना नहीं है। पीएमएलए की धारा 45 (1) के पहले प्रावधान में आगे कहा गया है कि एक व्यक्ति, जो सोलह वर्ष से कम उम्र का है या एक महिला है या बीमार या कमजोर है। वो खुद या सह आरोपियों के साथ एक करोड़ या तो स्वयं या अन्य सह-आरोपियों के साथ आरोपित है मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक करोड़ रुपये से कम की राशि, जमानत पर रिहा किया जा सकता है यदि विशेष न्यायालय ऐसा निर्देश देता है। इस बात पर जोर देते हुए कि मोटापा सिर्फ एक लक्षण नहीं है, बल्कि खुद एक बीमारी है जो कई अन्य बीमारियों की जड़ बन जाती है।

जस्टिस गुरुविंदर ने दिया फैसला

जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल की पीठ ने कहा, “ऐसी बीमारियों के साथ, प्रतिक्रिया, प्रतिरोध, लचीलापन और शरीर की बीमारियों से लड़ने और प्रभावी रूप से स्वस्थ होने की क्षमता काफी कम हो जाती है। जेल का डॉक्टर ऐसे मरीज को पूरी तरह से संभालने में सक्षम नहीं हो सकता है। एक रोगी जिसे कई बीमारियां हों उसका इलाज एक निश्चित स्तर की निगरानी के बाद और ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता हो जाती है जो आमतौर पर जेल में उपलब्ध नहीं होती है।”

जानिए क्या है पूरा मामला

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 3 हजार करोड़ रुपए के पोंजी घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक आरोपी को उसके भारी वजन के चलते जमानत दे दी है। इस आरोपी का वजन 153 किलो था। मोटापे की वजह से ये आरोपी कई अन्य प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त था उसके वजन और उसकी बीमारियों को देखते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है। पोंजी घोटाला देश के कई राज्यों से जुड़ा हुआ था। इस घोटाले में लगभग 33 लाख लोगों के साथ ठगी हुई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याची जिस प्रकार के मोटापे से ग्रस्त है वो कोई लक्षण नहीं है बल्कि अपने आप में एक बीमारी जो कई और बीमारियों की वजह बनती है।