पंजाब से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। आम आदमी पार्टी के लुधियाना पश्चिम के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी ने शुक्रवार को अपने और मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम वाले एक शिलान्यास पत्थर को हथौड़े से ध्वस्त कर दिया। लुधियाना के प्रदूषित ‘बुड्ढा नाले’ की सफाई न होने के कारण गुरप्रीत बस्सी गोगी ने पत्थर को तोड़ा उन्होंने नौकरशाही पर बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाया। इसका शिलान्यास मई 2022 में किया गया था। आप के प्रमुख चुनावी वादों में से नाले को साफ करने के लिए 650 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करने की घोषणा भी थी।

बुड्ढा नाले की सफाई न होने से नाराज AAP विधायक

गुरप्रीत बस्सी गोगी ने कहा, “हर दिन जब मैं यहां से गुजरता हूं और इस पत्थर को देखता हूं तो मुझे शर्म आती है। बरसात के दिनों में बुड्ढा नाले का काला पानी घरों में घुसने से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। उनकी हर शिकायत वाजिब है क्योंकि बुड्ढा नाला पहले से भी ज्यादा गंदा है। जैसा कि हमने लोगों से वादा किया था, इसे साफ नहीं किया गया है, क्योंकि अधिकारियों का एक ग्रुप नहीं चाहता है कि इसे साफ किया जाए। यहां के अधिकारी उच्च अधिकारियों को गलत एवं भ्रामक रिपोर्ट देते हैं। अफसरशाही हावी है।”

लुधियाना के कूम कलां गांव से निकलकर वलीपुर कलां गांव तक 47 किलोमीटर तक जाने वाला नाला सतलुज नदी में मिल जाता है। ताजे पानी वाली धारा को पहले बुद्ध दरिया कहा जाता था। वर्षों से सीवेज, औद्योगिक और घरेलू कचरे के कारण इसका नाम बदलकर बुद्ध नाला हो गया।

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बुद्ध नाले को प्रदूषित करने वाले प्रमुख स्रोत अनुपचारित रंगाई उद्योग का निपटान, सीवेज वेस्ट और डेयरियों सहित घरेलू वेस्ट शामिल हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि इसका पानी पीने वाले लोगों में त्वचा रोग और कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है। शिलान्यास पत्थर पर लिखा है, “सरदार भगवंत सिंह मान, माननीय मुख्यमंत्री पंजाब और गुरप्रीत गोगी जी, विधायक लुधियाना पश्चिम के प्रयासों के कारण लुधियाना में चल रहे 650 करोड़ रुपये के बुद्ध नाला प्रोजेक्ट (अमृत योजना) के तहत ‘राइजिंग मेन’ स्थापित करने का काम शुरू हो गया है। इसका 18.05.2022 को उद्घाटन किया गया।”

650 करोड़ रुपये की है परियोजना

गोगी ने कहा कि नाले को साफ करने के लिए 650 करोड़ रुपये की परियोजना पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई थी और मौजूदा AAP शासन द्वारा इसे आगे बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि निजी ठेकेदार को 90 प्रतिशत से अधिक भुगतान पहले ही किया जा चुका है लेकिन नाला प्रदूषित बना हुआ है। उन्होंने कहा, “यह सरकार की नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की विफलता है जो भ्रामक रिपोर्ट भेजते हैं। मैं सीएम भगवंत मान से मांग करता हूं कि जब जमीन पर नाला गंदा है तो निजी कंपनी को भुगतान कैसे किया गया। इसकी सीबीआई, विजिलेंस और न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिन लोगों से हमने वादा किया था वे पीड़ित हैं, वे बीमार हो रहे हैं।”

विधायक गोगी ने स्थानीय अधिकारियों पर नाले को प्रदूषित करने वालों के साथ मिले होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने विपक्षी दलों को भी इस मामले को उठाने के लिए कहा। गोगी ने कहा, “सच्चाई यह है कि बुड्ढा नाला अभी भी साफ नहीं है जैसा कि हमने वादा किया था।” पिछली कांग्रेस सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में भाजपा नेता मनप्रीत सिंह बादल ने 12 जनवरी, 2021 को नाले की सफाई के लिए 650 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखी थी और दावा किया था कि काम दो साल में पूरा हो जाएगा।

तत्कालीन कांग्रेस सरकार के अनुसार मुंबई स्थित फर्म खिलारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (केआईपीएल) और हैदराबाद स्थित जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड को ऑनलाइन बोली प्रक्रिया के बाद परियोजना दिया गया। नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के निर्माण के साथ-साथ परियोजना में नाले के किनारे वनीकरण, सिंचाई विभाग द्वारा नहर से 200 क्यूसेक साफ पानी छोड़ना और प्रदूषित जल धारा को ताजे जल निकाय में बदलने के लिए भूनिर्माण और सौंदर्यीकरण शामिल था।

लुधियाना नगर निगम के आयुक्त संदीप ऋषि ने कहा, “परियोजना पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड द्वारा एक्सीक्यूट की गई थी। केवल वे ही सत्यापित कर सकते हैं कि फर्म को भुगतान के संबंध में आरोप सही हैं या नहीं।” इस बीच पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, “फर्जी शिलान्यास को ध्वस्त करने के लिए गोगी की सराहना की जानी चाहिए। आप नेताओं को अब एहसास होना शुरू हो गया है कि उनकी सरकार केवल लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए सस्ती राजनीति का सहारा ले रही है।”

विपक्ष ने साधा निशाना

एक बयान में बिक्रम मजीठिया ने कहा कि बुड्ढा नाले को साफ करने की परियोजना का शिलान्यास भगवंत मान ने करीब डेढ़ साल पहले किया था। उन्होंने कहा कि विधायक गोगी को एहसास हुआ कि पिछले डेढ़ साल के दौरान जलधारा की सफाई के लिए एक भी कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार द्वारा रखी गई ऐसी अन्य आधारशिलाएं भी ध्वस्त होने का इंतजार कर रही हैं क्योंकि जमीन पर कुछ भी नहीं किया गया है।