पुणे के ससून अस्पताल में नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल में की गई हेरफेर को लेकर 3 लाख रुपए का सौदा हुआ था। इस रकम को अब पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुणे पुलिस कमिश्नर ने सोमवार को बताया था कि फोरेंसिक विभाग के प्रमुख और अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर को सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

पॉर्श कार से हुए एक्सीडेंट के आरोपी नाबालिग लड़के को मेडिकल जांच के लिए इस ही अस्पताल में ले जाया गया था, यहां उसे बचाने के लिए हर संभव खेल किया गया लेकिन अब पुलिस इस मामले को उजागर कर दिया है। पुलिस को ब्लड सैंपल के साथ छेड़छाड़ की भनक तब लगी जब आरोपी का DNA टेस्ट हुआ और दोनों के सैंपल अलग पाए गए। 19 मई को पोर्श कार (जिसे नाबालिग आरोपी काहल रहा था) की चपेट में आने से एक लड़की और एक लड़के की मौत हो गई थी।

चुप नहीं रहुंगा, सभी का नाम लूंगा : डॉ अजय तावरे

गिरफ्तार किए गए दोनों डॉक्टर पूछताछ के दायरे में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स ने कहा है कि इनमें से एक अजय तावरे ने मामले में शामिल सभी लोगों का नाम लेने की बात कही है। इस मामले में एक राजनेता का नाम भी सामने आ सकता है।

मामले की जांच के लिए जेजे हॉस्पिटल की डीन डॉ पल्लवी ससून हॉस्पिटल पहुंची हैं। उन्होंने कहा,”हम यहां पूरे मामले की जांच के लिए पहुंचे हैं। हम जांच करेंगे कि यहां सब नियमों के मुताबिक हुआ या नहीं। हम इसके बाद अपनी जांच सरकार को सौंपेंगे।”

क्या है नई जानकारी?

पुणे पुलिस ने इस मामले पर एक प्रेस कांफ्रेस कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। पुलिस ने बताया ससुन अस्पताल में सैंपल लेने वाले डॉ हैलनोर ने ब्लड सैंपल में हेरफेर की थी, गिरफ्तार किया गया था। डॉ हैलनोर ने पूछताछ के दौरान कहा है कि ऐसा HOD अजय तवारे के कहने पर किया गया था और इसके लिए 3 लाख रुपए भी दिए गए थे।

पुलिस ने जानकारी दी कि सैंपल बदलने के आरोप में नाबालिग के पिता को भी आरोपी बनाया गया है। वह डॉ अजय तवरे के सीधे संपर्क में थे।

ससून जनरल अस्पताल के किसी अन्य पदाधिकारी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका की जांच की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने कहा, “मैं दोहराना चाहता हूं कि हम इस मामले की पूरी लगन से जांच कर रहे हैं। सभी संभावित पहलुओं पर जांच की जा रही है। हम ससून अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज भी देख रहे हैं और पूरी जानकारी सामने आने के बाद मीडिया को बताया जाएगा।”

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, ‘इस मामले में धारा 120 (बी), 467 जालसाजी और 201, 213, 214 सबूत नष्ट करने की धाराएं जोड़ी गई हैं।”