पुणे पोर्शे कार हादसे में आरोपी नाबालिग की मां से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। ससून अस्पताल में ब्लड सैंपल के साथ हुए हेरफेर में यह जानकारी सामने आ रही है कि आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां के ब्लड सैंपल से ही बदला गया था। वह फिलहाल फरार है। हालांकि इस मामले पर पुलिस की ओर से किसी तरह की आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। सोमवार को पुणे पुलिस ने ब्लड सैंपल के साथ हेरफेर करने के मामले में दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था।

क्या जानकारी है?

इस मामले में इस जानकारी ने सभी को चौंका दिया है कि नाबालिग लड़के की मां ने ही ससून जनरल अस्पताल के अधिकारियों को अपना ब्लड सैंपल दिया था, ताकि एल्कोहोल वाली बात छिपाई जा सके। ससून अस्पताल में अधिकारियों ने कार में बैठे दो अन्य लोगों के भी नमूने जमा किए थे। हादसे के वक़्त कार में चार लोग सवार थे और कार नाबालिग चला रहा था।

पुलिस ने किए कई खुलासे

पुणे पुलिस के अधिकारियों को यह भी अजीब लगा कि बी जे मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क नहीं किया। इसके अलावा ससून अस्पताल के डॉक्टरों की मिलीभगत और चालाकी ने भी इस केस को खराब करने के पूरे प्रयास किए। इस मामले में एक मंत्री और एक विधायक के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है।

ससुन अस्पताल के डीन विनायक काले का एक बयान सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं कि डॉ तावरे को पिछले कुछ मामलों में आरोपी पाए जाने के बावजूद एक मंत्री और विधायक की सिफ़ारिश पर फोरेंसिक मेडिसिन विभाग का प्रमुख बनाया गया था। हालांकि दावा या भी किया गया है कि चूंकि डॉ तावरे अस्पताल में बाकी डॉक्टरों के बीच सबसे ज़्यादा सीनियर हैं इसलिए उनकी नियुक्ति हुई थी।