महाराष्ट्र के पुणे में महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना (MNVS) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों के बीच विवाद छिड़ गया। यह विवाद संगमवाड़ी स्थित नौरोसजी वाडिया कॉलेज के पास दीवारों पर एमएनवीएस, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) और अंबेडकरवादी छात्र संघ (ASA) के बहिष्कार की मांग वाले पोस्टर लगाने को लेकर हुआ। जिसके बाद एमएनवीएस के कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी कार्यालय में ताला लगा दिया।
आरोप है कि नौरोसजी वाडिया कॉलेज के पास दीवारों पर कथित तौर पर एमएनवीएस, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) और अंबेडकरवादी छात्र संघ (ASA) के बहिष्कार की मांग वाले पोस्टर लगाए गए। पोस्टरों के विरोध में, एमएनवीएस के कार्यकर्ता कथित तौर पर एबीवीपी कार्यालय में घुस गए और अंदर मौजूद लोगों को बाहर निकलने के लिए कहने के बाद उसके गेट पर ताला लगा दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में एमएनवीएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ फरासखाना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, एबीवीपी ने बाद में जारी एक प्रेस नोट में पोस्टर लगाने से इनकार किया।
ABVP और MNVS के बीच पोस्टर को लेकर विवाद
पोस्टरों पर लिखा था, “बस बहुत हो गया। वाडिया बेहतर का हकदार है। एनएसयूआई (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ), एमएनवीएस (महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना), एएसए (अंबेडकरवादी छात्र संघ) का बहिष्कार करें। वाडिया अब एबीवीपी के अधिकार क्षेत्र में आएगा। आइए, वाडिया को बेहतर बनाएँ। #ABVP से जुड़ें।”
प्रेस नोट में कहा गया, “पुणे के वाडिया कॉलेज के बाहर अज्ञात लोगों द्वारा लगाए गए विभिन्न पोस्टरों पर बहस करके अपना राजनीतिक अस्तित्व साबित करने की कोशिश कर रहे महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी पुणे कार्यालय पर हमला करने की कोशिश की। एबीवीपी इस राजनीतिक स्टंट की निंदा करती है।” इसके बाद, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पेरूगेट पुलिस चौकी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और एमएनएस सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे हैं एमएनवीएस के प्रमुख
इस बीच, एमएनवीएस ने कहा कि राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे इस मुद्दे पर मंगलवार को पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार से मुलाकात करेंगे। एमएनवीएस के नगर अध्यक्ष धनंजय दलवी ने कहा, “हम कोरेगांव पुलिस स्टेशन गए और वाडिया कॉलेज में हुई घटना के बारे में बताया लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे विवाद बढ़ गया। अब, हमें न्याय दिलाने के बजाय, पुणे पुलिस ने हमारे खिलाफ कार्रवाई की है।”