उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पुलिस का एक अजब कारनामा सामने आया है। मामला सामने के आने के हर कोई चौंक गया है। दरअसल जिले में पुलिस ने एक कथावाचक के स्वागत में पूरी परेड करवा दी।

चौंकाने वाली बात तो ये रही कि इस परेड की अगुवाई खुद एसपी आरएन सिंह ने की। अब इस घटना का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है।

एसपी ने की अगुवाई

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस एसपी आरएन सिंह ने कथावाचक को पूरी पुलिस फोर्स की परेड सलामी दिलवा रहे हैं। साथ ही उनके स्वागत में रेड कारपेट भी बिछाई गई है। इतना ही नहीं कथावाचक ने पोडियम पर खड़े होकर पुलिसकर्मियों को संबोधित भी किया। कथावाचक का नाम पुंडरीक गोस्वामी है। कथावाचक के सम्मान का आयोजन इतना भव्य था कि इसकी रील, वीडियो आदि तक बना दी गई।

नगीना सांसद ने उठाए सवाल

वीडियो सामने आने के नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पर ट्वीट कर प्रशासन और सरकार पर सवाल उठाया कि ऐसे आयोजन संविधान और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं। यह सरकारी संसाधनों को गलत इस्तेमाल है।

सांसद ने अपने पोस्ट में लिखा कि भारत को मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है और राज्य (यूपी) किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं है। उन्होंने कहा कि एक कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा परेड और सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाती है यह केवल एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि संविधान पर हमला है।

उन्होंने कहा कि सलामी और परेड राज्य की संप्रभु शक्ति का प्रतीक है। यह सम्मान संविधान, राष्ट्र और शहीदों के नाम पर दिया जाता है किसी कथावाचक, बाबा या धर्मगुरु का दर्जा बढ़ाने के लिए नहीं।

आगे उन्होंने सीएम को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तथाकथित रामराज्य में अब हालात ये हैं कि आस्था को संविधान से ऊपर,धर्म को कानून से ऊपर और कथावाचकों को संवैधानिक पदों से ऊपर बैठाया जा रहा है।

बहराइच पुलिस ने जारी किया स्पष्टीकरण

विवाद बढ़ने के बाद बहराइच पुलिस ने स्पष्टीकरण में कहा कि पुलिस ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को कठिन मानसिक, शारीरिक परिश्रम के कारण मानसिक अवसाद होने के कारण 28 पुलिसकर्मियों ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया था, इसलिए ट्रेनिंग की मेहनत से मानसिक अवसाद न हो और मनोबल बना रहे इस क्रम में आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को आमंत्रित किया गया था।

कौन हैं पुंडरीक गोस्वामी?

पुंडरीक गोस्वामी मथुरा वृदावन के एक प्रसिद्ध कथावाचक है, जो युवावस्था से ही भगवतकथा कह रहे हैं। मीडिया रिपोर्टस् की मानें तो वे सात साल की आयु से ही भगवत कथा का प्रवचन दे रहे हैं। पुंडरीक ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।