नूपुर शर्मा के पैगंबर पर टिप्पणी मामले पर AIMIM प्रवक्ता मो. फरहान ने कहा कि आप मेरे भाई का कत्ल कर दें, तो मैं माफी दे सकता हूं, लेकिन पैगंबर मोहम्मद के मामले में कोई माफी नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि दूसरी चीज जिसको संविधानिक और कानूनी अधिकार था, उन लोगों ने 10 दिन इंतजार किया। 11वें दिन निष्कासित करने का काम किया। इन लोगों ने देश का माहौल खराब करने का काम किया।
फरहान ने कहा कि इतना ही नहीं भाजपा ने विदेश में भारत को बेइज्जत कराने का काम किया। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ताओं ने देश की इज्जत को मिट्टी में मिलाने का काम किया है।
बता दें, रविवार को बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था। उनके साथ-साथ पार्टी के दिल्ली मीडिया यूनिट के प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को नूपुर शर्मा के बयान वाले पोस्ट को ट्वीट करने के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। नूपुर शर्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कानून की अपनी पढ़ाई की है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में उस वक्त की जब वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गईं।
फरहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के मुद्दे को लेकर अखिलेश यादव मौन हैं। वो किसी भी मुद्दे पर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सपा नेता से पूछना चाहते हैं कि यूपी के प्रतापगढ़ में आस्थान कांड हुआ था। प्रतापगढ़ के कुंडा डिप्टी एसपी जियाउल हक की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने हत्या की, उसको समाजवादी पार्टी ने कुंडा से अपना प्रत्याशी बनाया।
यूपी के मुजफ्फरनदर दंगों को लेकर फरहान ने कहा कि उस दंगे में न जाने कितनी बहन-बेटियों की इज्जत लूट ली गई। न जाने कितने मासूम और बेगुनाह बच्चे मर गए। और समाजवादी लोग सैफई में नाच देखने का काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सपा के लोग कभी भी मुसलमानों के पक्षधर नहीं हो सकते और न ही पक्ष ले सकते हैं।
कानपुर हिंसा मामले पर AIMIM प्रवक्ता ने कहा कि मुसलमान जब नवाज पढ़ने जाता है तो हाथ में ईंटा, पत्थर और बम नहीं ले जाता है। जिससे किसी को कोई नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा न्याय प्रक्रिया एक पक्षीय नहीं होनी चाहिए, बल्कि सामान होनी चाहिए। गैंगस्टर उन पर भी लगे जो भगवाधारी गमछे बांधकर ईंटा-पत्थर चला रहे थे।