कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की “किसान यात्रा” समाप्त होने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी अगले महीने उत्तर प्रदेश में कैंपेन करने की तैयारी में हैं। यूपी में अगले साल विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। प्रियंका यूपी में अपना कैंपेन इलाहाबाद में इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर पर आयोजिक एक कार्यक्रम से शुरू करेंगी। उसके बाद वो पूरे प्रदेश में होने वाली अलग-अलग बैठकों में हिस्सा लेंगी। अभी तक पार्टी ने प्रिंयका के कार्यक्रम की निश्चित तारीख और अन्य ब्योरे सार्वजनिक नहीं किया हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार पिछले विधान सभा चुनाव में जिन सीटों पर कांग्रेस पहले और दूसरे स्थान पर रही थी वो प्रियंका की प्राथमिक सूची में होंगी।
सूत्रों के अनुसार हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आने के बाद राहुल और प्रियंका इस मुद्दे को पूरे प्रदेश में उठाएंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “राहुल गांधी की यात्रा के बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। इस दौरान किसानों का मुद्दा पर प्रमुखता से चर्चा में आया है। पार्टी इसके बाद यूपी में शांत नहीं बैठेगी। अब प्रियंका गांधी पूरे प्रदेश में कैंपेन करेंगी।” पहले पार्टी राहुल और प्रियंका दोनों को एक साथ कैंपेन में उतारना चाहती थी लेकिन बाद में ये विचार त्याग दिया गया। सूत्रों के अनुसार पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वो लगातार चुनाव प्रचार नहीं कर सकतीं।
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2012 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने 355 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। उसे 28 सीटों पर जीत मिली थी। 30 सीटों पर पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी। पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस के सात विधायक बीजेपी, बीएसपी और समाजवादी पार्टी में चले गए। प्रियंका अभी तक गांधी-नेहरू की पारंपरिक सीटों अमेठी, रायबरेली और उनसे जुड़े इलाकों में ही चुनाव प्रचार करती रही हैं। कांग्रेस ने यूपी चुनाव की तैयारी का जिम्मा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को सौंपा है। राहुल की ‘किसान यात्रा’ की योजना किशोर ने ही बनाई थी। माना जाता है कि किशोर की सलाह पर ही कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को यूपी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है ताकि ब्राह्मण वोटरों को पार्टी से दोबारा जोड़ा जा सके।