कांग्रेस की नई महासचिव और लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाई गईं प्रियंका गांधी नई जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बार लखनऊ जा रही हैं। प्रियंका ने कहा, ‘मैं लखनऊ आ रही हूं। मैं चाहती हूं कि एक नई राजनीति की शुरुआत हो और आप भी इसका हिस्सा बनें। युवाओं, महिलाओं, हाशिए पर पहुंचे लोगों और सबकी आवाज सुनी जाए। आइए नए भविष्य और राजनीति की शुरुआत करें।’

प्रियंका को तुरुप का इक्का मांग रही कांग्रेसः लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस कदम को पार्टी के नेता तुरुप का इक्का मान रहे हैं। प्रियंका को लंबे समय से सक्रिय राजनीति में लाने की मांग चल रही थी। हाल ही में विदेश से लौटकर नई जिम्मेदारी संभाली है। इसके बाद पहली बार उन्होंने कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में हिस्सा लिया था। कांग्रेस दफ्तर में हुई इस बैठक में वे अपने भाई राहुल गांधी से छह सीट दूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठी थीं।

‘प्रियंका का आना कांग्रेस के लिए संजीवनी! प्रियंका को जिस क्षेत्र की कमान सौंपी गई है वह फिलहाल बीजेपी के गढ़ जैसा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही बीजेपी के कई बड़े नेताओं जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि के निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। सियासी जानकार भी प्रियंका के आने से कांग्रेस को संजीवनी मिलने की संभावना जता रहे हैं। ऐसे में देखना अहम होगा कि पिछले चुनाव में महज 44 सीटों पर सिमटी कांग्रेस इस बार स्थिति में कितना सुधार कर पाती है। लोकसभा चुनाव 2014 में यूपी में कांग्रेस सिर्फ अपनी परंपरागत सीटें अमेठी और रायबरेली ही बचा पाई थी।