कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 90 सदस्यीय प्रचार समिति बनाई है, लेकिन इसमें शामिल एक नाम पर कुछ लोगों की भौंहें चढ़ गई हैं। सोमवार को जारी इस सूची में 19वां नाम है सूचना एवं प्रसारण मंत्री रह चुके प्रिय रंजन दासमुंशी का, जो पिछले कुछ सालों से कोमा में हैं। दासमुंशी स्ट्रोक और पेरालिसिस अटैक के बाद 2008 से अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं।

कांग्रेस महासचिव और पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रभारी सीपी जोशी ने दासमुंशी को शामिल करने को सही बताते हुए इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “प्रचार समिति में 60 से 70 नाम हैं। वह (दासमुंशी) समिति के अध्यक्ष नहीं हैं। वह एक कांग्रेस नेता हैं। प्रदेश में उनकी साख और ख्याति है। पैनल में उनके नाम को शामिल करने और उनकी गुडविल को इस्तेमाल करने में गलत क्या है?” जोशी ने यह भी कहा कि इसका मतलब कांग्रेस कार्यकर्ता यह संदेश देना है कि पार्टी अपने नेताओं का सम्मान करती है। प्रचार समिति में शामिल प्रत्‍येक नेता का काम कैंपेन करना या फिर उस दौरान उनका बोलना जरूरी नहीं है।

प्रिय रंजन दासमुंशी की पत्‍नी दीपा दासमुंशी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि उनके पति का नाम प्रचार समिति में है और उन्होंने इस संबंध में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) से बात की है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के बताया, “फिलहाल उनका नाम लिस्ट में है, लेकिन मुझे लगता है कि यह गलती से हुआ है और इसमें सुधार किया जाएगा।” हालांकि सोमवार देर शाम तक एआईसीसी ने कोई संशोधित सूची जारी नहीं की।