महाराष्ट्र के मुंबई में सोमवार (11 जुलाई 2022) को शिवसेना की अहम बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा की गई। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई इस बैठक में भाग लेने वाले शिवसेना के 16 सांसदों ने सवाल उठाया कि क्या पार्टी एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करती है।

शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने बैठक के बाद एनडीटीवी को बताया कि सभी 16 सांसद इस बात से सहमत थे कि द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और इसलिए उन्हें उन्हें वोट देना चाहिए। महाराष्ट्र में आदिवासी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। कोई व्हिप या राष्ट्रपति चुनाव नहीं है और सांसद अपनी इच्छा के अनुसार मतदान कर सकते हैं।

राष्ट्रपति चुनाव राजनीति से परे: गजानन कीर्तिकर ने बताया कि 18 सांसदों में से दो सांसद मीटिंग में अनुपस्थित रहे। सांसद भावना गवली और श्रीकांत शिंदे बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी के अन्य सभी सांसद मौजूद थे। मीटिंग के बाद गजानन कीर्तिकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था, क्योंकि वह एक मराठी महिला हैं। हमने यूपीए प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। उद्धव जी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की भी घोषणा करेंगे क्योंकि वह एक आदिवासी महिला हैं। हमें राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीति से परे देखना चाहिए।”

अब तक यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है शिवसेना: उद्धव ठाकरे इन सभी वफादार सांसदों के सुझाव के बाद पार्टी के रुख में बदलाव कर सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के जल्द से जल्द इस मामले पर निर्णय लेने की उम्मीद है। गौरतलब है कि अब तक शिवसेना ने संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन किया है। पिछले महीने एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद मुख्यमंत्री पद गंवाने के बाद उद्धव ठाकरे अपने पिता बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

राहुल शेवाले ने कहा था मुर्मू का समर्थन करने को: द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव शिवसेना सांसदों की तरफ से पहले भी आया था। सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव ठाकरे से एनडीए उम्मीदवार को वोट देने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। सोमवार को मीटिंग के बाद ठाकरे के करीबी शिवसेना सांसद संजय राउत, मीडिया से बात किए बिना ही चले गए। ऐसी चर्चा है कि राउत द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के पक्ष में नहीं हैं और अभी भी यशवंत सिन्हा का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।