PK Ruckus on Nitish Kumar: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए काम नहीं करेंगे, भले ही नीतीश उनके लिए सीएम की कुर्सी खाली कर दें। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने लोगों से वादा किया है और इसे बदला नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि उनके बीच पिछली बैठक में नीतीश कुमार के बिहार में एनडीए गठबंधन से बाहर निकलने और राज्य में महागठबंधन के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनसे नीतीश कुमार की तरफ से जेडीयू में शामिल होने का अनुरोध किया गया था।

प्रशांत किशोर ने कहा, “मैंने सीएम से साफ रूप से कहा कि मैं उनके साथ काम नहीं करूंगा, भले ही वह (नीतीश कुमार) मुझे अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना दें या मेरे लिए सीएम की कुर्सी खाली कर दें। लोगों से जो वादा किया है उसे बदला नहीं जा सकता।” दरअसल, प्रशांत किशोर ने अपनी 3,500 किलोमीटर लंबी जन सुराज यात्रा के हिस्से के रूप में पश्चिम चंपारण जिले के जमुनिया गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा।

बिहार में जनसुराज पद यात्रा पर हैं प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने यात्रा के दौरान अपने संबोधन में लगातार नीतीश कुमार का जिक्र किया। प्रशांत किशोर ने कहा, “आप सभी को मीडिया में आई खबरों से पता चला होगा कि करीब 10-15 दिन पहले नीतीश कुमार ने मुझे अपने आवास पर बुलाया था। उन्होंने मुझे अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कहा। मैंने कहा कि यह संभव नहीं है।” बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में जनसुराज पद यात्रा पर हैं। इस दौरान वह लगातार बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें किसी का उत्तराधिकारी नहीं बनना है। उन्हें बिहार के लोगों से जो वादा किया है, बस उसे पूरा करना है।

नीतीश ने लगाया था बीजेपी का एजेंट होने का आरोप

दरअसल, हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से काम करने का आरोप लगाया था। क्योंकि जेडीयू ने उनकी यात्रा के पीछे प्रशांत किशोर की फंडिंग के स्रोत पर सवाल उठाया था, जिसके बाद प्रशांत किशोर ने इन शंकाओं का समाधान किया और कहा कि उनकी फंडिंग जानने के इच्छुक लोगों को यह भी पता होना चाहिए कि उनके विपरीत, उन्होंने कभी भी दलाली में शामिल नहीं हुए।