लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद हेतु प्रभात कुमार के नाम को स्वीकृति प्रदान कर दी है। बता दें कि प्रभात कुमार की नियुक्ति, यूपीपीएससी की एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी पर परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार की गिरफ्तारी के बाद हुई है।

National Hindi News, 29 June 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें

यूपीपीएससी की एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10,768 पदों के लिये पिछले साल 29 जुलाई को हुई, मगर इस परीक्षा का पर्चा एक दिन पहले ही लीक हो गया। इस मामले में प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की गठन किया था और आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ की जांच में ये पता चला था कि अंजूलता की नकल माफिया के साथ साठगांठ थी। इस परीक्षा का प्रश्नपत्र कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमारकर के प्रेस में होनी थी। जिसे पर्चा लीक करने के आरोप में पहले ही डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका था। कौशिक के यहां से यूपीपीएससी की होने वाली मुख्य परीक्षा का प्रश्नपत्र भी बरामद हुआ था।

इस खुलासे के बाद आयोग ने पीसीएस, एसीएफ और आरएफओ मुख्य परीक्षाओं समेत कुल 10 परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया। इस घटना के बाद दो जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए कहा था कि युवाओं के भविष्य से खेलने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। उन्होंने ने कहा था कि आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायत पर सरकार ने कार्रवाई की, लोक सेवा आयोग एक स्वायत्त संस्था है और राज्य सरकार उसके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करती लेकिन परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने कहा कि जो लोग युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।