जिले में गरीबी और बीमारी से जूझ रहे एक मजदूर ने अपने इलाज के लिए अपने 15 दिन का नवजात बच्चे को 42 हजार रुपए में बेच दिया। बच्चा बेचने की सूचना मिलने पर हरकत में आए जिला प्रशासन ने बच्चे को बरामद कर उसके परिवार के पास पहुंचा दिया है। मामले की जांच कराई जा रही है। बीमार मजदूर को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब कई सामाजिक संगठन भी गरीब परिवार की मदद के लिए आगे आए है। जिले के थाना हाफिजगंज के तहत ढकिया खो गांव के मजदूर हर स्वरूप को उत्तराखंड के खटीमा में निर्माणाधीन मकान में मजदूरी करते समय गिरने से रीढ़ में चोट लगी थी। इस चोट के बाद उसके शरीर के निचले हिस्से को लकवा मार गया। तब से यह मजदूर अपने गांव में बिना किसी इलाज के पड़ा रहा।
उसकी पत्नी संजू के मुताबिक गांव के लोगों ने उनकी किसी तरह की कोई मदद नहीं की। उसके पास कोई बीपीएल राशनकार्ड भी नहीं था। इसकी वजह से परिवार में भुखमरी की नौबत आ गई। धन के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा था। संजू ने लगभग दो हफ्ते पहले एक बच्चे को जन्म दिया। अपने ही एक रिश्तेदार के माध्यम से इस बच्चे को जिले की बहेड़ी तहसील के बसंतनगर गांव के दंपत्ति को 42 हजार रुपए में बेच दिया। बच्चे के अचानक घर से गायब होने पर पड़ोसियों ने पूछा तो संजू ने अपनी लाचारी का हवाला देकर मजबूरी में बच्चे को बेचने की बात बता दी। यह मामला पुलिस और प्रशासन तक पहुंचा तो जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने जांच के आदेश देने के अलावा गरीब परिवार की मदद करने के भी निर्देश दिए।
इस मामले की जांच कर रहे उपजिलाधिकारी कुंवर पंकज ने बताया कि बहेड़ी से बच्चा बरामद कर उसे हर स्वरूप के परिवार को सौंप दिया गया है। बीमार मजदूर हर स्वरूप को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अगर जरूरी हुआ तो लखनऊ के किसी अस्पताल को रेफर किया जाएगा। उनके परिवार का बीपीएल राशनकार्ड भी बनवा दिया है। मजदूर की पत्नी संजू के नाम से बैंक में खाता भी खुलवाया गया है ताकि उनकी मदद करने के इच्छुक लोग और संगठन इसमें पैसे जमा करा सकें। नवाबगंज तहसील के कर्मचारियों के सहयोग से 15 हजार रुपए जमा कर इस खाते में जमा कराए गए है। जांच के दौरान एक गोदनामा भी सामने आया हैं। बच्चा लेने वाले परिवार का कहना है कि उन्होंने बच्चे को गोद लिया था। मामले की जांच चल रही है। इस बीच कई सामाजिक संगठनों ने पीड़ित परिवार तक पहुंचकर उसे आर्थिक मदद भी दी है।