पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक खाताधारकों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच एक और PMC बैंक ग्राहक की मौत हो गई। 80 वर्षीय मुरलीधर दर्रा का शुक्रवार को मुंबई में उनके मुलुंड स्थित आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बता दें कि 15 अक्टूबर के बाद से PMC बैंक घोटाले से परेशान खाताधारक की शहर में यह चौथी मौत है। मृतक के बेटे प्रेम दर्रा (43) ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु हो गई क्योंकि वे बाईपास सर्जरी के लिए पैसे की व्यवस्था नहीं कर पा रहे थे। परिवार के सदस्यों ने कहा कि बैंक के विभिन्न खातों में करीब 80 लाख रुपये जमा हैं।

मृतक मुरलीधर के बेटे का बयाम: मुरलीधर के बेटे के मुताबिक, वह 1947 में पाकिस्तान के सिंध से एक शरणार्थी के रूप में मुलुंड आए थे। उन्होंने कड़ी मेहनत से एक चाय की दुकान खोली, जिसे अभी मैं संभालता हूं। हमारी अधिकांश बचत बैंक में जमा थी। सात लोगों के परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य मृतक मुरलीधर के बेटे प्रेम ने कहा, “मेरी पत्नी एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। 24 सितंबर को मुझे 2 लाख रुपये का बिल देना था। शुरुआत में मैंने इसे अपने पिता से छिपाया लेकिन आखिरकार अक्टूबर में उनको बताना पड़ा।” लेकिन पैसे की व्यवस्था होते ना देखे 11 अक्टूबर को मुरलीधर की तबीयत बिगड़ने लगी जिसके के बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
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बाईपास सर्जरी की थी जरुरत: मृतक के बेटे ने बताया, “डॉक्टरों ने कहा था कि पत्नी को बाईपास सर्जरी की आवश्यकता है। मैं अपनी बहन के साथ बैंक गया और अधिकारियों से बात की। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे हमारे आवेदन को आरबीआई को भेज देंगे, लेकिन यह नहीं कह सकते कि हमें कब और कितना पैसा मिलेगा।” उन्होंने कहा कि मैंने जब यह बात पिता मुरलीधर को बताई कि इलाज के लिए कोई पैसा नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी हार्ट अटैक से हो गई।”

दोस्तों से भी नहीं पैसा: मृतक के बेटे ने बताया कि मैंने मेरे सभी दोस्तों और पड़ोसियों से हर किसी से जो मेरा जानने वाला था से पैसे मांगे थे। लेकिन इन सभी के खाते पीएमसी बैंक में हैं, इसलिए किसी के पास पैसा नहीं था। उसने कहा कि मेरे पिता की मृत्यु के लिए पीएमसी बैंक जिम्मेदार है। उन्होंने साजिश की और हमारी मेहनत की कमाई को ठगने की योजना बनाई।