प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद पहुंचकर साबरमती आश्रम से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ लॉन्च किया। पीएम ने यहां जनता को संबोधित भी किया। उन्होंने बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने से 75 हफ्ते पूर्व ही यह महोत्सव आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा। पीएम ने दिल्ली की बारिश का जिक्र करते हुए बताया कि अमृत महोत्सव के प्रारंभ होने से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद भी दिया। अपने संबोधन के बाद पीएम ने आश्रम से नवसारी में दांडी तक जाने वाले 81 पदयात्रियों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
क्या बोले पीएम?: पीएम ने अपने संबोधन के दौरान भारत के आगे बढ़ने की प्रेरणा के बारे में बताते हुए कहा, “आइडियाज एट 75, अचीवमेंट्स एट 75, एक्शन एट 75 और रिजॉल्व एट 75। ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।”
संबोधन में पीएम ने भारत के लोकतंत्र की मजबूती पर बात करते हुए कहा, “हम भारतीय चाहे देश में रहे हों या विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें हमारे संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है। लोकतंत्र की जननी भारत आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है।”
मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में संतों की भूमिका याद दिलाते हुए कहा कि आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है।
पीएम ने याद किया दांडी मार्च, कहा- नमक समानता का प्रतीक: पीएम ने गांधीजी के नमक आंदोलन को याद करते हुए कहा, “हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी। हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।
इसके साथ ही मोदी ने बताया कि किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है। फिर भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है।
मोदी बोले- आज पूरी दुनिया भारत का धन्यवाद कर रही: आज भी भारत की उपल्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है। मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है। आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं। यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है। यही हमारे भव्य भविष्य की पहली आभा है।