हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे कांग्रेस नेता कुलदीप सिंह राठौड़ ने बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने राज्य सरकार पर सेब उद्योग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के जिन क्षेत्रों में सेब की खेती ज्यादा होती है, उन्हें सरकार ने नजरअंदाज किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में सेब उत्पादकों का पूरा शोषण हो रहा है। प्रधानमंत्री के उद्योगपति मित्र गौतम अडानी 70-72 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सेब खरीदते हैं और उन्हें 250-300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में सेब उद्योग 5,000 करोड़ रुपये का है, जिससे रोजगार भी पैदा होते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि महामारी के दौरान यह एकमात्र जरिया था और इस पर आवश्यक ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सरकार ने सेब उत्पादक किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कीटनाशकों पर मिलने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी है। सेब के कार्टन पर अब 18 फीसदी जीएसटी लग रहा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा, “हिमाचली सेब को बचाने के लिए केंद्र ने विदेशों से सेब पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाने का वादा किया था, जो कि नहीं हुआ है। वहीं, पेप्सी-कोला ड्रिंक्स में सेब के रस को मिलाने का भी वादा किया गया था। वह एक बहुत बड़ा मजाक था। इन कंपनियों के अपने फॉर्मूलेशन हैं, वे सेब का रस क्यों मिलाएंगे?”

कुलदीप सिंह राठौड़ ने कहा, “जय राम ठाकुर सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है। कीमतें बढ़ रही हैं। विकास ठप है। बेरोजगारी अधिक है और अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है। हम इन मुद्दों पर ध्यान देंगे। जब हमने पिछले साल चार उपचुनावों में जीत दर्ज की, तो मैं पीसीसी अध्यक्ष था। इसलिए, मुझे पता है कि लोगों के पास कैसे जाना है और उन मुद्दों को उठाना है जो उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं।”

बता दें कि इतने वर्षों का राजनीतिक करियर होने के बावजूद, कुलदीप सिंह राठौड़ पहली बार चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह ठियोग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जो राज्य की सेब बेल्ट है और राज्य को हिलाकर रख देने वाले सेब किसानों के विरोध का केंद्र है।