जिले में व्याप्त मनमानी का ग्राफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते दो माह में सतर्कता विभाग द्वारा यहां एक बीडीओ समेत दो केंद्रीय अधिकारियों को संबंधित व्यक्तियों में लाभ पहुंचाने के खातिर रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल पहुंचाया गया है। इतना होने के बावजूद ऊपर की आमदनी का स्वाद ले चुके अधिकारी अपना चाल-चलन बदलने को तैयार नहीं है। इसके चलते जरूरतमंदों को उन्नाव में सरकार की लाभकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बात अलग है कि इस बड़े प्रदेश में वर्ष 2017 की चुनावी तैयारी में जुटी केंद्र और राज्य सरकारें जनता जनार्दन को अपनी ओर आकर्षित करने की कोई कोर कसर बाकी नहीं रहने दे रही हैं। इसका सीधा लाभ यहां नौकरशाही के अपात्रों के हवाले किया जा रहा है।
उल्लेखनीय हो कि राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के सहारे अकूत कमाई में जुटे जिला मुख्यालय से सटे विकासखंड नवाबगंज के खंड विकास अधिकारी श्रीकृष्णा को बीती 17 फरवरी को रिश्वत लेते सतकर्ता विभाग के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया था। जिससे ऐन मौके पर आमदनी में आए खलल से नाराज बीडीओ संघ ने कार्य बहिष्कार कर नाराजगी भी जताई थी। लेकिन बाद में शासन के निर्देश पर वह शीघ्र ही अपनी जिम्मेदारियों का निवर्हन करने में फिर से जुट गए। परिणामस्वरूप संबंधित बीडीओ को अब तक जमानत नहीं मिल सकी है।
इसी तरह छह अप्रैल को दूरसंचार विभाग के टीडीएम (जिला प्रबंधक) यूसी त्रिपाठी व लेखाधिकारी प्रशांत अवस्थी को एक मामले में रिश्वत लेते फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बताते चले कि दूरसंचार विभाग में यूसी त्रिपाठी ने बीती 9 फरवरी को जिला प्रबंधक पद पर स्थानांतरित होकर आए थे। उन्नाव में इसके पहले शिक्षा विभाग के दो लेखा कमर्चारियों को घूस लेने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है। जिनका प्रकरण अभी भी न्यायालय में लम्बित है। जिले में भ्रष्टाचार के आरोप में बढती गिरफ्तारियों पर टिप्पणी करते समाजसेवी अवध नरेश सिंह ने कहा कि दो माह के अन्तराल में जिले के तीन जिम्मेदार अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेजा जाने से जिले की मौजूदा स्थितियों व परिस्थितयों का आकलन किया जा सकता है।