बिहार के सीएम नीतीश कुमार के ‘जनता दरबार’ में एक पीड़ित पिता को रजिस्ट्रेशन न होने के चलते रोक दिया गया। दरअसल, रामप्यारे नाम का शख्स अपने बेटी के मामले में, जिसे कि दहेज के चलते मार दिया गया था, इंसाफ की गुहार लगाने सीएम के दरवाजे पर पहुंचा था।

पीड़िता पिता ने रोते हुए अपनी दास्तान सुनाई कि कैसे उनकी बेटी के सुसराल वालों ने सिर्फ एक मोटरसाइकिल के लिए उनकी बेटी को मार डाला। शख्स का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें शख्स कहता दिख रहा है कि उसने बड़ी धूमधाम के साथ अपनी बेटी की शादी की थी। पीड़िता पिता को ‘जनता दरबार’ में एंट्री न मिलने की वजह सुनेंगे तो आप भी शायद सिस्टम को कोसें। दरअसल, व्यक्ति बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नीतीश कुमार के जनता दरबार में पहुंच गया था।

रामप्यारे इकलौते शख्स नहीं थे जिन्हें बिना रजिस्ट्रेशन किए जनता दरबार में दाखिल होने से रोका गया। बाहर इंतजार कर रहे कई लोगों ने शिकायत की कि घंटों इंतजार करने के बाद भी वे मायूस हुए। कई तो ऐसे थे जो हर जगह भटक कर थक चुके थे और आखिर में सीएम के पास अपने कागजात सहित पहुंचे थे।


ऐसे में सवाल उठता है कि जो लोग राज्य के कोने-कोने से आते हैं और सीएम से इंसाफ की उम्मीद रखते हैं उन्हें इतनी मशक्कत करने के बाद भी निराश क्यों होना पड़े? मुमकिन नहीं है कि सब लोग ऑनलाइन खुद को रजिस्टर करा सकें।

वहीं, रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) जदयू के पदाधिकारियों से लोगों के बीच जाने और उनकी समस्याएं जानने की अपील की। पटना स्थित जदयू मुख्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए नीतीश ने जदयू पदाधिकारियों से कहा कि वे लोगों के बीच जाएं, कहां क्या कमी रह गई,यह जानने की कोशिश करें और तत्काल उसकी सूचना दें ताकि समाधान का प्रयास किया जा सके।

उन्होंने कहा,‘‘ महिलाओं को हमने हर तरह से सबल बनाया। आज पुलिस बल में जितनी महिलाएं हमारे यहां हैं, उतनी कहीं नहीं।’’ उन्होंने राजद प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का नाम लिए बिना उनपर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘ हमसे पहले जो थे उन्होंने क्या किया, मौका मिला तो अपनी जगह उन्होंने अपनी पत्नी को नेता बना दिया लेकिन महिलाओं के लिए क्या किया’’।