Bihar News: बिहार के दरभंगा में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया और पत्थबाजी भी की, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। एक निजी जमीन पर कई सालों से लोग रह रहे थे। अतिक्रमण की जमीन को खाली कराने के लिए जब पुलिस पहुंची, तो यहां रह रहे दलित और महादलित समाज के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया और पत्थरबाजी की, जिसमें चेत नारायण सिंह नाम के एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
कई सालों से इस जमीन पर दलित और महादलित समुदाय के सैकड़ों लोग रह रहे थे। पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस इस जमीन को मुक्त कराने के लिए पहुंची थी। इस दौरान लोग आक्रोशित हो गए और पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। हालांकि, अतिक्रमण की जमीन को खाली करवा लिया गया है। वहीं, पत्थरबाजी में एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद यहां रह रहे तमाम लोग फरार हो गए हैं। अपना सारा सामान ये लोग यहीं छोड़कर भाग गए हैं।
इन लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें पहले से जगह को खाली करने का कोई नोटिस नहीं दिया। 25-30 सालों से ये लोग यहां रह रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब इस जमीन को खाली करवाने के लिए पुलिसकर्मी यहां आए तो ये लोग आक्रोश में आ गए। उन्होंने बताया कि यहां तकरीबन 15 परिवार रहते थे।
इस इलाके के आस-पास रह रहे लोगों का कहना है कि सरकार जब जमीन को खाली करवा रही है तो उन्हें इसके बदले में उन्हें रहने के लिए जगह भी देनी चाहिए। ये लोग बिहार की सत्ता में आरजेडी की वापसी को लेकर भी नाराजगी जता रहे हैं और कह रहे हैं कि जंगलराज वापस आ गया है।
वहीं, इस मामले में बीजेपी भी नीतीश कुमार सरकार को घेर रही है। दरअसल, नीतीश सरकार की एक योजना है कि बिहार में दलित, महादलित या अति पिछड़ी जाति समाज के जो लोग भूमिहीन हैं, उन्हें 5 डिसमील जमीन देने का प्रावधान है। अब सवाल उठाया जा रहा है कि जब 25-30 सालों से दलित और महादलित समाज के लोग इस जमीन पर रह रहे थे, तो उन्हें सरकार की योजना के तहत जमीन क्यों नहीं दी गई।