मध्य प्रदेश कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) अफ्रीकी चीतों के आने के बाद से लगातार चर्चाओं में है। कूनो नेशनल पार्क पिछली दो बार चीतों के क्षेत्र से बाहर निकल जाने की वजह से सुर्खियों में आया है। चीतों के कूनो के बाहर निकलकर आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचने से स्थानीय लोगों में दहशत भी है। वहीं दूसरी तरफ वाइल्ड लाइफ के जानकार लोग, इसे एक अच्छा साइन बता रहे हैं।
न्यूज एजेंसी PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, कूनों में छोड़े गए चीते अपने लिए रहने के स्थान की खोज कर रहे हैं और यह एक बहुत अच्छा संकेत है। बता दें कि स्टेट फॉरेस्ट अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ओबान नामक चीता बीती 2 अप्रैल को कूनो नेशनल पार्क से बाहर पहुंच गया था।
ओबान को पड़ोसी जिले शिवपुरी के फॉरेस्ट एरिया (Forest Area) से रेस्क्यू किया गया और बाद में वापस कूनो में रिलीज कर दिया गया। ओबान के बाद मादा चीता आशा के भी कूनो से बाहर निकलने की खबर आई। एडिशनल डॉयरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट एसपी यादव ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में कहा कि चीतों की इस तरह की मूवमेंट एक नेचुरल घटना है और चिंता की कोई बात नहीं है।
एसपी यादव प्रोजेक्ट टाइगर के हेड भी हैं। उन्होंने PTI से बातचीत में कहा कि चार चीतों की पूरी तरह से रिलीज कर दिया गया है। वह जंगल में खुलकर घूम रहे हैं। उनकी मूवमेंट नेचुरल है। हम खुश हैं कि चीते घूम रहे हैं और वे अपने रहने के लिए उपयुक्त जगह की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि वे घूम रहे हैं,जगहों को एक्सप्लोर कर रहे हैं। यह एक नेचुरल फिनोमिना है और इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं। कूनो में रिलीज किया गया हर एक चीता हर समय मॉनिटर किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने स्थानीय लोगों को चीतों से परिचित कराने और संभावित संघर्षों को कम करने के लिए “चीता मित्र” नियुक्त किए हैं। मध्य प्रदेश में वन विभाग के अधिकारियों ने 51 गांवों में करीब 400 ‘चीता मित्र’ ट्रेन किए हैं। इन लोगों में स्कूल टीचर, गांव के प्रधान और पटवारी शामिल हैं।
एसपी यादव ने कहा कि अगर चीतों स्थानीय लोगों की किसी मवेशी को नुकसान पहुंचाते हैं तो इसके लिए हमारे पास मुआवजे का प्लान रेडी है। आपको बता दें कि पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर पर कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते छोड़े थे। ये सभी अफ्रीकी देश नामीबिया से भारत लाए गए थे। इन चीतों में से मादा चीता साशा की मौत हो चुकी है जबकि चीता सियाया ने चार बच्चों को जन्म दिया है। नामीबिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते भी इस साल फरवरी में कूनो लाए गए हैं।